Uttar Pradesh

Paddy Cultivation: क्या है SRI विधि जिसका इस्तेमाल करके लोग कमा रहे हैं लाखों..जानिए इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका

Last Updated:July 25, 2025, 12:52 ISTGonda News: SRI यानी सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन. यह एक उन्नत तकनीक है जिसमें बीज की कम मात्रा और पानी की सीमित जरूरत होती है.हाइलाइट्सSRI विधि से खेती में है फायदें.यह एक उन्नत तकनीक है.जिसमें बीज की कम मात्रा और पानी की सीमित जरूरत होती है.गोंडा: गोंडा जिले की एक महिला किसान इन दिनों चर्चा में हैं. कारण है उनका धान की खेती करने का अनोखा तरीका SRI विधि. इस महिला ने पारंपरिक तरीके को छोड़कर “सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन” यानी SRI विधि को अपनाया है, जिससे कम पानी में ज्यादा पैदावार हो रही है.

SRI विधि के फायदे

लोकल 18 से बातचीत के दौरान प्रगतिशील महिला किसान माधुरी देवी बताती है कि SRI विधि में पारंपरिक खेती की तुलना में कम बीज, कम पानी और कम लागत लगती है, लेकिन उत्पादन ज्यादा होता है. इस पद्धति में धान की नर्सरी 8 से 12 दिन में तैयार कर ली जाती है और एक-एक पौधा ही खेत में रोपा जाता है. पौधों के बीच अच्छी दूरी रखी जाती है ताकि उन्हें हवा और धूप भरपूर मिले.

SRI विधि से कितने एकड़ में कर रहे हैं धान की खेती: माधुरी देवी बताती है कि SRI विधि से लगभग पांच एकड़ में धान की खेती कर रही हैं और उन्हें SRI विधि का आईडिया पानी संस्थान द्वारा दिया गया था.

SRI विधि में एक बीघा में कितना होता है पैदावार:

माधुरी देवी बताती है कि पारंपरिक तरीके से एक बीघा में लगभग चार से पांच कुंतल का पैदावार होता है वही SRI विधि से एक बीघा में लगभग 5 से 6 कुंटल का पैदावार होता है. माधुरी देवी बताती हैं कि सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन. यह एक उन्नत तकनीक है जिसमें बीज की कम मात्रा और पानी की सीमित जरूरत होती है, लेकिन उत्पादन में काफी बढ़ोतरी देखी जाती है. माधुरी देवी बताती हैं कि इस पद्धति में धान की नर्सरी केवल 8 से 12 दिन में तैयार हो जाती है. इसके बाद एक-एक पौधा खेत में लगाया जाता है, न कि झुंड में जैसे पारंपरिक विधि में होता है.

खेती का तरीका

माधुरी देवी बताती हैं कि इस विधि की खास बात यह है कि पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखी जाती है, जिससे उन्हें हवा और धूप भरपूर मिलती है. इससे पौधे स्वस्थ रहते हैं और बेहतर उपज देते हैं. इसके अलावा खेत में खरपतवार नियंत्रण के लिए भी कम मेहनत लगती है, क्योंकि शुरुआती दिनों में ही देखभाल की जाती है.

माधुरी देवी का कहना है कि उन्होंने जब पहली बार SRI तकनीक अपनाई, तो परिवार और गांव के लोगों ने इसे लेकर शंका जताई थी, लेकिन अब उनके अच्छे उत्पादन को देखकर कई किसान इस पद्धति को अपनाने में रुचि दिखा रहे हैं. SRI विधि से खेती कर माधुरी देवी न सिर्फ अच्छी आमदनी कमा रही हैं, बल्कि दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं.Location :Gonda,Gonda,Uttar Pradeshhomeagricultureक्या है SRI विधि जिसका इस्तेमाल करके लोग कमा रहे हैं लाखों..जानिए इसके फायदे

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