Black Fungus Symptoms: देशभर में कोविड-19 ने कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक किया जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान गई. कोविड के बाद अब एक नई बीमारी ने देश में दस्तक दे दी है. इसका नाम है ब्लैक फंगस. बीते कुछ समय से ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आ चुके हैं. ये एक ऐसा फंगस है जिसमें लोगों की आंखों को नुसकान पहुंचता है और व्यक्ति अंधा हो जाता है. आज हम बात करेंगे इस फंगस की चपेट में आने से व्यक्ति की आंखों को किस तरह नुकसान पहुंचता है. 
क्या है ब्लैक फंगस 
म्यूकर माइकोसिस नाम का फंगल इंफेक्शन आमतौर पर बासी या सड़ी हुई डबल रोटी, फल और सब्जियों में देखने को मिलता है. यह फंगस लोगों में सांस के जरिए एंट्री करता है. डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि यह फंगस हर इंसान के शरीर में मौजूद हो सकता है. लेकिन ये फंगस केलव उन्हें नुकसान पहुंचाता है जिसका इम्यून सिस्टम बहुत ज्यादा कमजोर होता है. ये मामले कोरोना के समय अधिक देखने को मिले. कोरोना के समय जिन लोगों की बॉडी अधिक कमजोर हुई उनपर इस फंगस ने अटैक और अपना शिकार बनाया. इस फंगस का शिकार होने पर लोगों की आंखें निकालनी पड़ जाती है. 
ब्लैक फंगस में क्यों निकालनी पड़ती हैं आंखें 
जिस तरह पेड़ की डाल हर तरफ तेजी से फैलती है उसी तरह ब्लैक फंगस भी बॉडी में घुसने के बाद फैलना शुरू हो जाता है. ये सबसे पहले ब्लड वेसल्स को टारगेट करता है. यह ब्लड वेसल्स पर कब्जा कर बॉडी में ब्लड सप्लाई को बाधित कर देता है. अगर आपको  नाक या आंख के माध्यम से इंफेक्शन हुआ है तो यह आंख या उस अंग को ब्लड भेजने वाली वैसेल्स की सप्लाई रोक देता है. इसके अलावा यह शरीर की अन्य नसों पर भी यह अटैक करता है. जिससे धीरे-धीरे आंखों की रोशनी जाने लगती है और आंख बुरी तरह डैमेज हो जाती है. जिसमें डॉक्टर के पास आंखों को निकालने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है. ऐसे में कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को सावधआन रहने की जरूरत है. 
जानें मुख्य लक्षण 
अगर आपके चेहरे में दर्द रहता है तो ये ब्लैक फंगस का अहम लक्षण हो सकता है. इस स्थिति में आपके चेहरे के चिकबोन एरिया के आसपास दर्द महसूस होता है. साथ ही चेहरे पर सूजन भी आ सकती है. नाक और मुंह के आसपास की त्वचा के काले पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें. कई बार इस स्थिति में ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ जाती है. नाक का बंद हो जाना, नाक से खून या काला तरल पदार्थ निकलना भी इसका एक लक्षण है. कई मामलों में मरीज की दोनों आंखों की रोशनी भी चली जाती है.   
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