पूरे भारत में अप्रैल के महीने में जुकाम, खांसी और गले के संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं. यह हैरान करने वाली बात है क्योंकि आमतौर पर ऐसे लक्षण ठंड में ज्यादा दिखते हैं, न कि गर्मी के मौसम में. डॉक्टरों का कहना है कि इस साल सिर्फ मौसम नहीं, कई कारणों ने मिलकर बीमारी का “परफेक्ट स्टॉर्म” बना दिया है. आइए जानते हैं इन बीमारियों के पीछे के कारण और इससे बचाव के आसान उपाय.
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मौसम का मिजाज
इस अप्रैल में दिन में तेज गर्मी है तो रात में अचानक ठंडक. कहीं-कहीं बारिश और बादल भी देखने को मिल रहे हैं. ये उतार-चढ़ाव शरीर को भ्रमित करते हैं और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में डॉ. नेहा शर्मा, गाजियाबाद की जनरल फिजीशियन कहती हैं कि लोग मौसम के हिसाब से कपड़े नहीं पहन रहे हैं, जिससे वायरल इंफेक्शन बढ़ रहे हैं.
प्रदूषण- धूल का असर सर्दियां जाने के बाद भी वायु प्रदूषण पूरी तरह नहीं गया है. गर्म हवाओं और निर्माण कार्यों के कारण हवा में धूल बनी हुई है, जिससे गले और नाक में जलन होती है और संक्रमण आसानी से हो सकता है.
कमजोर इम्यूनिटी
सर्दियों में भारी खाना और कम शारीरिक गतिविधि से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है. अचानक गर्मी का असर शरीर को थका देता है और बीमारी की चपेट में ला देता है.
ठंडे ड्रिंक्स और AC का ज्यादा इस्तेमाल जैसे ही गर्मी आती है, लोग ठंडा पानी, आइसक्रीम और एयर कंडीशनर की ओर भागते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि ये बदलाव शरीर के तापमान को प्रभावित करते हैं और गले में इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं.
बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह
– खूब पानी पिएं और गर्म चीजें जैसे सूप, हल्दी वाला दूध लें – बुखार या खांसी में ठंडी चीजें और आइसक्रीम से बचें – खांसी या छींक आने पर मास्क पहनें – भाप लें, इससे गले और नाक की परेशानी में आराम मिलेगा – विटामिन C युक्त फल, अदरक, लहसुन और हरी सब्जियां खाएं – अगर लक्षण 5–6 दिन से ज़्यादा रहें, बुखार बढ़े या सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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