यदि आप डेस्क जॉब करते हैं, तो पीठ में दर्द आपके लिए कोई नई प्रॉब्लम नहीं होगी. लेकिन यदि आप लंबे समय से इससे परेशान हैं, और यह दर्द आपके दिनचर्या को मुश्किल बनाता जा रहा है, तो इसे मामूली समझने की गलती बिल्कुल न करें.
यह सिर्फ मांसपेशियों की थकावट नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. लगातार पीठ दर्द स्पाइनल कैंसर यानी रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर बनने का संकेत हो सकता है. इसके सफल इलाज के लिए समय पर पहचान जरूरी है.
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स्पाइन कैंसर के लक्षण
रात के समय दर्द का बढ़ना
यदि पीठ दर्द दिन के मुकाबले रात में ज्यादा होता है और सोने में परेशानी होती है, तो यह सामान्य मांसपेशियों की थकान नहीं हो सकती. ट्यूमर बढ़ने पर रात में दबाव बढ़ता है, जिससे लेटने पर दर्द तेज हो जाता है.
कमजोरी या सुन्नपन
अगर पीठ के साथ-साथ हाथ या पैरों में सुन्नपन, झनझनाहट या कमजोरी महसूस हो रही है, तो यह स्पाइनल कॉर्ड पर ट्यूमर का दबाव हो सकता है.
चलने-फिरने में दिक्कत
अगर आप चलते समय लड़खड़ाते हैं, गिरने का डर बना रहता है या बैलेंस बार-बार बिगड़ता है, तो यह रीढ़ की हड्डी में किसी परेशानी का संकेत हो सकता है.
पेशाब या मल पर नियंत्रण का कम होना
स्पाइनल ट्यूमर कभी-कभी मूत्राशय या मलाशय की नसों पर असर डाल सकता है. यदि आपको बार-बार पेशाब आना, रोक न पाना या मल पर नियंत्रण में परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं.
अकारण वजन घटना
अगर पिछले कुछ महीनों में आपका वजन अचानक घटा है और हमेशा थकावट रहती है, तो यह शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चेतावनी हो सकती है.
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर इन लक्षणों में से कोई भी 2 या अधिक लक्षण 2–3 हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहें, तो इसे अनदेखा न करें. तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें. MRI या CT स्कैन जैसी जांचों से स्पाइनल ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, स्पाइनल कैंसर की जल्द पहचान से 80% मामलों में सफल इलाज संभव है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.