Uttar Pradesh

Kalanamak Rice Farming: इस चावल की करें खेती…4 गलियों तक जाती है खुशबू! 1 किलो की कीमत 100-150

Kalanamak Rice Farming: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में अब किसानों ने कालानमक धान की खेती करना प्रारंभ कर दिया है. आखिर क्या है कालानमक धान की खासियत, जिसको लेकर कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप बिसेन से लोकल 18 की टीम ने बातचीत की. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बाजारों में कालानमक धान की मांग अधिक है और अब धीरे-धीरे खीरी जिले में भी किसान इसकी खेती करना प्रारंभ कर चुके हैं. इस धान की खासियत इसकी अद्भुत खुशबू है, हालांकि यह वैरायटी देर से तैयार होती है.

इस किस्म के चावल हैं बेस्ट चावल की बाजार में कई किस्में हैं, जो अपने अलग-अलग गुणों के लिए जानी जाती हैं. ऐसा ही एक विशेष चावल है कालानमक. इस चावल की खासियत इसकी अद्वितीय खुशबू और स्वाद है. लेकिन इसकी कीमत आमतौर पर 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम होती है. इसका मुख्य कारण इसकी कम पैदावार है. मांग के अनुसार इसकी आपूर्ति नहीं हो पाती, जो इसे महंगा बनाता है. कालानमक चावल की जो खुशबू और स्वाद है, वह अन्य किसी चावल में नहीं मिलती.

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कब तैयार होते हैं यह चावल? यह चावल उन्हीं इलाकों में उगाया जा सकता है, जहां पहले से कालानमक चावल की खेती हो रही है. लखीमपुर जिले में अब कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को कालानमक धान के बारे में जानकारी दी जा रही है. कृषि विज्ञान केंद्र पर भी कालानमक धान तैयार किया जा रहा है. यह धान दिसंबर माह के पहले सप्ताह में तैयार हो जाती है.

कालानमक चावल इस वजह से भी खास इस चावल को भगवान बुद्ध का प्रसाद माना जाता है और यह अपनी खुशबू के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. हालांकि, इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर केवल 1.5 से 2 टन ही होती है, जो इसे अन्य धान की तुलना में कम लाभकारी बनाती है.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 10:32 IST

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