जयशंकर-रुबियो की वार्ता में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। यह पहली बार नहीं है जब दोनों नेता मिले हों, लेकिन इससे पहले केवल क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठकों में ही उनकी मुलाकात हुई थी।
वाशिंगटन की व्यापार पर कड़ी नीति और भारत के रूस के साथ ऊर्जा संबंधों पर आलोचना ने दोनों देशों के बीच संबंधों को जटिल बना दिया है। हालांकि, नई दिल्ली ने कहा है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित और बाजार की स्थितियों से प्रभावित होती है।
न्यूयॉर्क में हुई इस वार्ता को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भारत-अमेरिका के संबंध मजबूत हैं और रक्षा, तकनीक, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग के मामले में दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं। लेकिन व्यापार संबंधों में तनाव और वीजा संबंधी मुद्दों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को जटिल बना दिया है।