क्या आपने कभी सोचा है कि एक आम-सी दिखने वाली टॉफी आपकी जान पर भारी पड़ सकती है? अमेरिका के बोस्टन शहर में एक 54 वर्षीय व्यक्ति की मौत का कारण ऐसी ही एक टॉफी बनी. यह व्यक्ति अपने पसंदीदा लिकोरिस-फ्लेवर वाली कैंडी खा रहा था, जब अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा. इस अजीबोगरीब और दुखद मामले ने डॉक्टर्स को भी हैरान कर दिया.
दरअसल, मृतक व्यक्ति रेस्त्रां में खाना खाते समय व्यक्ति अचानक से हांफने लगा, शरीर कांपने लगा और बेहोश हो गया. इंमरजेंसी मेडिकल टीम ने तुरंत सीपीआर किया और पाया कि उसके दिल के निचले हिस्से सही ढंग से खून पंप नहीं कर रहे थे. दवाओं और प्राथमिक उपचार से उसकी धड़कन सामान्य करने की कोशिश की गई, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले वह फिर से बेहोश हो गया.
अस्पताल में डॉक्टरों ने पुष्टि की कि व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट हुआ था, जिसमें दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. इलाज के दौरान उसे IV फ्लूइड्स, दर्द निवारक दवाएं और पोटैशियम दी गई, क्योंकि उसकी खून में पोटैशियम का लेवल बेहद कम पाया गया. सांस लेने के लिए ट्यूब और दिल को पंप करने के लिए मैकेनिकल डिवाइस भी लगाया गया. बावजूद इसके, उसकी हालत तेजी से बिगड़ती गई और वह मल्टीऑर्गन फेलियर के कारण 32 घंटे बाद चल बसा.
मुलेठी फ्लेवर की टॉफी बनी मौत की वजहपरिवार ने डॉक्टरों को बताया कि वह पिछले कई हफ्तों से हर दिन 1-2 बड़े पैकेट टॉफी खा रहा था. तीन हफ्ते पहले उसने फ्रूट फ्लेवर से मुलेठी फ्लेवर वाली टॉफी खाना शुरू किया था. मुलेठी में मौजूद ग्लाइसीरिजिन नामक कंपाउंड ने उसकी किडनी पर असर डाला, जिससे शरीर में पानी और सोडियम की मात्रा बढ़ गई और पोटैशियम की कमी हो गई. पोटैशियम की कमी से दिल सही तरीके से काम नहीं कर पाता, जो व्यक्ति के कार्डियक अरेस्ट और मौत का कारण बनी.
FDA की चेतावनीअमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने चेतावनी दी है कि यदि आप 40 साल या उससे अधिक उम्र के हैं और रोजाना 2 औंस (56 ग्राम) ब्लैक लिकोरिस खाते हैं, तो यह आपके दिल की धड़कन को असामान्य कर सकता है. खासतौर पर, मुलेठी दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं. यह घटना बताती है कि साधारण दिखने वाली चीजें भी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं.
Shivraj Patil’s last rites performed with state honours; Om Birla, Kharge present
In between, he was a member of the Maharashtra legislative assembly from Latur for two terms between 1972…

