रिपोर्ट- बिन्नू बाल्मिकिबहराइच: पायदान हर घर में इस्तेमाल होता है. बाजार में तो एक से बढ़कर एक डिजाइन और मैटेरियल वाले पायदान आते हैं लेकिन आमतौर पर लोग पुराने कपड़ों को भी पायदान बना लेते हैं. कुछ लोग थोड़ा मेहनत और कलाकारी करके इन्हीं पुराने कपड़ों से मजबूत, टिकाऊ और दिखने में अच्छा पायदान भी बनाते हैं. ऐसे ही लोग पुरानी साड़ियों से भी पायदान बनाते हैं और उनकी बिक्री कर कमाई भी करते हैं. बहराइच में भी एक शख्स ऐसा है जो साड़ी के बचे हुए कतरनों से पायदान बनाकर बिक्री कर अच्छी कमाई करता है.कैसे होता है साड़ी के कतरन से तैयार पायदानजब साड़ियों की बुनाई की जाती है तो ये काफी लम्बाई में तैयार होती हैं. इन साड़ियों को साइज में काटने के बाद इनके किनारों की कटिंग की जाती है. कटिंग में निकलने वाले इन्हीं कतरन से पायदान बनाया जाता है.पायदान तैयार करने की प्रक्रियापायदान को तैयार करने के लिए एक-एक कतरन को काट-छाट कर हैंडलूम मशीन की सहायता से इनकी बिनाई कर तैयार किया जाता है. बड़े कतरनों से बड़े बिस्तर भी बनाये जाते हैं.हैंडलूम मशीनी क्या है?यह कपड़ा उत्पादन की एक पुरानी विधि है. इसके जरिए लोग बिना किसी बिजली के उपयोग के बुनाई करते हैं. बुनाई के लिए पिट लूम या हैंडलूम मशीन इस्तेमाल की जाती हैं. ये लकड़ी की मशीनें हैं जो दो सेट यार्न को आपस में जोड़ने के लिए एक विशिष्ट क्रम में इकट्ठी की जाती हैं.भारत में हथकरघा उद्योग में विभिन्न प्रकार के शिल्प मौजूद हैं. भारत के लगभग सभी राज्यों में लोग अपने-अपने स्तर पर हथकरघा उद्योग से विभिन्न तरह के कपड़े तैयार करते हैं. प्रत्येक राज्य कुछ अद्वितीय और विशिष्ट शिल्प के लिए प्रसिद्ध हैं. बहराइच में इस विधि से काम करने वाले बहुत से लोग हैं. बहराइच में कलामुद्दीन इसी विधि से पायदान बना कर लगभग 25 सालों से अपना परिवार चला रहे हैं.FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 15:34 IST
Shivraj Patil’s last rites performed with state honours; Om Birla, Kharge present
In between, he was a member of the Maharashtra legislative assembly from Latur for two terms between 1972…

