Health

Canada research says women going through menopause are at greater risk of dementia | महिलाओं में डिमेंशिया का कारण बन सकता है मेनोपॉज, कनाडा की कैलगरी यूनिवर्सिटी की रिसर्च



Women Dementia: मेनोपॉज के समय कई शारीरिक समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को डिमेंशिया का खतरा ज्यादा होता है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 80 फीसदी महिलाओं को मेनोपॉज से जुड़ी दिक्कतें होती हैं और जितने ज्यादा लक्षण होते हैं, उतनी ही डिमेंशिया की रिस्क बढ़ जाती है. कनाडा के कैलगरी यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक रिसर्च में ये बात सामने आई. रिसर्चर्स ने 896 मेनोपॉज महिलाओं के डेटा को एनालाइज किया. ये हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों को लेकर ऑनलाइन रिसर्च था.
896 मेनोपॉज महिलाओं पर हुआ रिसर्चमहिलाओं ने रिसर्चर्स को अपने पेरिमेनोपॉजल लक्षणों की जानकारी दी. उनके कॉग्निटिव वर्क को एवरीडे कॉग्निशन स्केल और माइल्ड बिहेवियरल इम्पेयरमेंट चेकलिस्ट का इस्तेमाल करके मापा गया, जिसमें हाई लेवल ने गंभीर लक्षणों की तरफ इशारा किया. जिन महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण अधिक थे, उनके कॉग्निटिव टेस्ट में रिजल्ट अधिक थे और ये सेहत के लिहाज से सही नहीं था.
कैलगरी यूनिवर्सिटी की रिपोर्टकैलगरी यूनिवर्सिटी की ये रिपोर्ट पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस वन जर्नल में पब्लिश हुई. निष्कर्षों में पाया गया कि मेनोपॉज संबधी लक्षणों का व्यवहार में आए बदलाव (माइल्ड बिहेवियरल इम्पेयरमेंट यानी एमबीआई) के बीच संबंध था. एमबीआई एक सिंड्रोम है जिसे डिमेंशिया के खतरे के शुरुआती संकेत के रूप में तेजी से पहचाना जाता है, जो न केवल कॉग्निटिव चेंजेज पर विचार करने की जरूरत पर इशारा करती है, बल्कि मूड, सोशल  इंटरेक्शन और पर्सनालिटी चेंज पर भी विचार करते हैं, जो मेनोपॉज के बाद के जीवन में उभरते हैं और बने रहते हैं.
रिसर्च में पाया गया..रिसर्चर्स के अनुसार, हालांकि हार्मोन थेरेपी कॉग्नेटिव फंक्शन से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी नहीं थी, लेकिन यह कम एमबीआई लक्षणों के लिए एक महत्वपूर्ण लिंक दिखाती है, जो लॉन्ग टर्म ब्रेन हेल्थ में हार्मोन थेरेपी की संभावित भूमिका को लेकर रिसर्च की जरूरत पर जोर देती है. रिसर्च की दिलचस्प बात यह है कि जिन प्रतिभागियों ने पेरिमेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन-आधारित हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल करने के बारे में बताया, उनमें एमबीआई संबंधी लक्षण उतने गंभीर नहीं थे.
क्रॉस-सेक्शनलरिसर्चर्स ने अध्ययन की कई सीमाओं को स्वीकार किया. बताया कि यह अध्ययन क्रॉस-सेक्शनल है, जिसका अर्थ है कि यह सालों में हुए परिवर्तनों को ट्रैक करने के बजाय समय में एक स्नैपशॉट कैप्चर करता है. इसका मतलब यह है कि यह केवल रजोनिवृत्ति के लक्षणों और संज्ञानात्मक और व्यवहारिक हेल्थ के बीच संबंधों की पहचान कर सकता है, लेकिन यह निर्धारित नहीं कर सकता है कि लक्षण सीधे मस्तिष्क के स्वास्थ्य में परिवर्तन का कारण बनते हैं या नहीं. हालांकि यह रिसर्च इस बात को पुष्ट करता है कि मेनोपॉज जितना एक हार्मोनल परिवर्तन है, उतना ही एक न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन भी है.—आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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