अब तक अपेंडिक्स कैंसर को दुर्लभ बीमारियों में गिना जाता था, जो हर साल प्रति दस लाख में सिर्फ 1-2 लोगों को ही होता है. लेकिन हालिया शोधों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. ये कैंसर अब युवाओं, खासकर जेनरेशन-एक्स और मिलेनियल्स को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. ‘एनेल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक, पुराने जेनरेशन की तुलना में जेन-एक्स में अपेंडिक्स कैंसर के मामले तीन गुना और मिलेनियल्स में चार गुना तक बढ़े हैं.
इस शोध में पाया गया कि अब हर तीन अपेंडिक्स कैंसर मामलों में से एक मरीज 50 साल से कम उम्र का है. जबकि तुलना करें तो कोलोरेक्टल कैंसर में केवल हर आठवां मामला ही 50 साल से कम उम्र वालों में देखा जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अपेंडिक्स कैंसर के शुरुआती लक्षण इतने हल्के और आम से होते हैं कि इन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. आइए जानें ऐसे ही पांच संकेतों के बारे में जो अक्सर पेट की सामान्य समस्याओं समझकर अनदेखे कर दिए जाते हैं.
1. निचले दाएं हिस्से में हल्का और लगातार दर्दअपेंडिसाइटिस, गैस या पीरियड्स की ऐंठन जैसे लगने वाले लक्षण, लेकिन अपेंडिक्स के कुछ ट्यूमर निचले दाहिने पेट में लगातार या रुक-रुक कर दर्द पैदा कर सकते हैं. अपेंडिसाइटिस में होने वाले तेज दर्द के विपरीत, यह बेचैनी आमतौर पर हल्की और लगातार बनी रहती है. यह तुरंत डेली लाइफ में रुकावट नहीं डालता है, यही वजह है कि इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है.
2. बिना कारण बार-बार दस्त या कब्ज होनाडाइट में परिवर्तन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या तनाव संबंधी समस्याओं के रूप में समझे जाने वाले लक्षण. अपेंडिक्स ट्यूमर बाउल मूवमेंट में छोटे बदलाव का कारण बन सकते हैं, जिसमें कब्ज, दस्त, या अनियमित पैटर्न शामिल हैं. ये परिवर्तन हमेशा नाटकीय नहीं होते हैं लेकिन लगातार हो सकते हैं. चूंकि अपेंडिक्स बड़ी आंत से जुड़ा होता है, इसलिए छोटे ट्यूमर भी बाउल के बिहेवियर को प्रभावित कर सकते हैं.
3. पेट में लगातार सूजन या भारीपनज्यादा खाने या लैक्टोज इनटॉलेरेंस से होने वाली सामान्य सूजन. अपेंडिक्स कैंसर के कुछ प्रकार, विशेष रूप से म्यूकिनस एडेनोकार्सिनोमा, गाढ़ा बलगम बनाते हैं. इससे पेट में द्रव का निर्माण हो सकता है, जिससे सूजन या पेट भरा हुआ महसूस हो सकता है. यह सामान्य कम समय की सूजन नहीं है बल्कि हफ्तों तक बनी रह सकती है.
4. थकान और एनीमियाखराब डाइट या लाइफस्टाइल के कारण आयरन की कमी के रूप में समझे जाने वाले लक्षण, ट्यूमर के कारण होने वाली पुरानी, इंटरनल ब्लीडिंग लॉस हल्के एनीमिया का कारण बन सकती है, जो अक्सर शुरुआती चरणों में किसी का ध्यान नहीं जाता है. इससे थकान, चक्कर आना या सांस लेने में तकलीफ होती है. ये लक्षण अस्पष्ट होते हैं और अक्सर रोज की थकावट या नींद की कमी के लिए जिम्मेदार होते हैं.
5. वजन का अचानक कम होनातनाव से संबंधित वजन में उतार-चढ़ाव या हेल्दी भोजन. कुछ अपेंडिक्स कैंसर मेटाबॉलिज्म या पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे धीरे-धीरे, अनजाने में वजन कम हो सकता है. यह तब भी हो सकता है जब डाइट और एक्टिविटी का लेवल समान रहे.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.