Last Updated:December 22, 2025, 14:21 ISTPilibhit Tiger Reserve News : पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में नियमों की खुलेआम अनदेखी का मामला सामने आया है, जहां लखनऊ के एक उद्योगपति पर पेट्रोलिंग रोड को निर्माण सामग्री का डंपिंग ग्राउंड बनाने का आरोप है. कोर फॉरेस्ट एरिया में नियम तोड़े जाने के बावजूद कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.पीलीभीत. यूपी के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व को लगातार दुनियाभर में प्रसिद्धि मिल रही है. यही कारण है कि देश भर के लोग यहां का रुख़ कर रहे हैं. वहीं तमाम बड़े कारोबारी भी यहां पर निवेश कर रहे हैं. मगर कुछ रईसों ने तो नियम कानूनों को घर का खेल बना डाला है. वहीं जिम्मेदार भी इनके रसूख के आगे बौने नजर आते हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व वैसे तो बाघों की संख्या दोगुने से भी अधिक करने और अपने संरक्षण मॉडल के लिए देश भर में जाना जाता है.
मगर बीते कुछ समय से पीलीभीत टाइगर रिजर्व एनटीसीए की गाइडलाइंस और भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के लिए चर्चाओं में है. जहां एक तरफ बराही रेंज में बाघ को घेरने के मामले में जांच ही चल रही थी, इधर महोफ रेंज से भी जिम्मेदारों की सांठगांठ से कोर फॉरेस्ट एरिया को अवैध रूप से कब्जा कर इस्तेमाल करने का मामला उजागर हुआ है.
गश्त पर खड़े हो रहे सवालिया निशानगौरतलब है कि पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के मुस्तफाबाद रेस्ट हाऊस के समीप लखनऊ के एक बड़े उद्योगपति का फार्म हाउस बना हुआ है. यह फार्म जंगल की सीमा पर स्थित है, कई एकड़ में फैले इस फ़ार्महाउस में अक्सर कंस्ट्रक्शन का कार्य चलता रहता है. विभागीय जिम्मेदारों की मिलीभगत से इस कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री को फार्म के पीछे से गुजरने वाली सड़क पर डंप किया जाता है. गौरतलब है कि इस सड़क को गश्त के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वहीं रोड पर निर्माण सामग्री डाल कर कब्जा कराने का कारनामा उजागर होने से गश्त पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. इतना ही नहीं फार्म हाउस के कई ड्रेनेज पाइप भी जंगल के भीतर खोले गए हैं. हालांकि वन विभाग के उच्चाधिकारी इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं यह देखना अहम होगा.
किसकी मिलीभगत से हुए कब्जा?जिस स्थान पर निर्माण सामग्री डाल कर निर्माण कार्य किया जा रहा है वह जंगल के भीतर है. वहां निर्माण सामग्री पहुंचाने का रास्ता मुस्तफाबाद रेस्ट हाऊस के भीतर से होकर गुजरता है. गौरतलब है कि बुकिंग काउंटर होने के चलते यहां भरपूर स्टाफ की तैनाती है, वहीं रेंजर का आवास भी यहीं स्थित है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि किसकी मिलीभगत से निर्माण सामग्री बेरोकटोक जंगल के भीतर तक पहुंचती रही, वहीं यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि आखिर इस कारनामे से मुख्यालय भी अनजान कैसे रहा?
कार्रवाई के नाम पर रस्म अदायगीजब पूरे मामले पर रेंज अधिकारी महोफ सहेंद्र यादव से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही मौके पर काम करते पाए गए दो लोगों के खिलाफ विभागीय केस दर्ज किया गया है, मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. गौरतलब है कि इस मामले में फार्म हाउस के मालिकों को संरक्षण देते हुए महज काम कर रहे लोगों को करवाई की ज़द में लाया गया है. ऐसे में वन विभाग की इस कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
अफसरों पर लटकी विभागीय जांच की आंचअधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर संबंधित जिम्मेदारों का स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं मामले की विभागीय जांच भी कराई जा रही है, जांच के आधार पर आवश्यक कारवाई की जाएगी.About the Authormritunjay baghelमीडिया क्षेत्र में पांच वर्ष से अधिक समय से सक्रिय हूं और वर्तमान में News-18 हिंदी से जुड़ा हूं. मैने पत्रकारिता की शुरुआत 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से की. इसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड चुनाव में ग्राउंड…और पढ़ेंLocation :Pilibhit,Pilibhit,Uttar PradeshFirst Published :December 22, 2025, 14:21 ISThomeuttar-pradeshलखनऊ के उद्योगपति ने PTR के पेट्रोलिंग रोड को बनाया डंपिंग ग्राउंड!
