Last Updated:December 17, 2025, 11:30 ISTWheat Cultivation Tips : गेहूं की फसल में अगर खेतों में जगह-जगह खालीपन दिख रहा है या पौधों का जमाव कमजोर है, तो इसे समय रहते सुधारा जा सकता है. पहली सिंचाई के बाद हल्की निराई-गुड़ाई और नैनो डीएपी का प्रयोग करने से नए कल्ले निकलते हैं. साथ ही किसान सिंचाई के बाद गैप फिलिंग भी कर सकते हैं.सहारनपुर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई का उपयुक्त समय आमतौर पर 25 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच माना जाता है, क्योंकि इस अवधि में तापमान और मिट्टी की नमी फसल के अच्छे अंकुरण के लिए अनुकूल रहती है. समय पर बुवाई करने से पौधों की बढ़वार बेहतर होती है और पैदावार भी अधिक मिलती है, जबकि 25 नवंबर के बाद की गई बुवाई को देर से बुवाई माना जाता है, जिससे उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. हालांकि, कई किसान दिसंबर के लास्ट और जनवरी के पहले सप्ताह तक बुवाई करते हैं.
जिन किसानों ने गेहूं की फसल की बुवाई सही समय पर की थी, उनकी फसल में अब पहली सिंचाई हो रही है. पहली सिंचाई करते वक्त किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर उनके खेत में गेहूं का जमाव कम है तो वह अब गैप फिलिंग कर दें, गैप फीलिंग करने से खेत में पर्याप्त संख्या में गेहूं के पौधे हो जाएंगे. जिससे उत्पादन पूरा मिलेगा, अगर किसान गैप फिलिंग नहीं करते हैं तो उत्पादन में गिरावट भी आ सकती है. लेकिन गैप फिलिंग करते समय भी किसानों को एहतियात बरतने की जरूरत है.
कम हुआ है गेहूं के खेतों में जमाव?कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी एवं प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने लोकल 18 को बताया कि गेहूं की बुवाई सामान्यतः नवंबर तक कर ली जाती है, हालांकि कई किसान देरी से दिसंबर तक भी बुवाई करते हैं. यदि किसान ने सुपर सीडर या सीड ड्रिल से बुवाई की है और खेत में गेहूं का जमाव कम दिखाई दे रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. जिन स्थानों पर जमाव कम है और खेत में खाली जगह नजर आ रही है, वहां उसी किस्म के गेहूं के बीज को भिगोकर दोबारा बुवाई की जा सकती है.
35 दिनों के अंदर करें ये उपायजमाव बढ़ाने के लिए किसान नैनो डीएपी का 5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें, यह छिड़काव धूप निकलने पर करना चाहिए. इसके साथ ही खेत में बेंटोनाइट सल्फर का लगभग 1 से 1.5 किलो प्रति बीघा की दर से छिड़काव करें. गेहूं के जमाव के 35 से 40 दिन के भीतर इन उपायों को अपनाना जरूरी है. जैसे ही गेहूं की फसल में पहला पानी लगाया जाए, उसी समय नैनो डीएपी और बेंटोनाइट सल्फर का उपयोग कर देना चाहिए. इन उपायों से गेहूं में कल्ले अधिक निकलते हैं, खेत अच्छी तरह भर जाता है और यदि फिर भी जमाव कम लगे तो 35 दिन बाद एक बार पुनः छिड़काव करने से पौधों की संख्या में बढ़ोतरी होती है.About the Authormritunjay baghelमीडिया क्षेत्र में पांच वर्ष से अधिक समय से सक्रिय हूं और वर्तमान में News-18 हिंदी से जुड़ा हूं. मैने पत्रकारिता की शुरुआत 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से की. इसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड चुनाव में ग्राउंड…और पढ़ेंLocation :Saharanpur,Saharanpur,Uttar PradeshFirst Published :December 17, 2025, 11:30 ISThomeuttar-pradeshगेहूं की बुवाई के 35 दिनों बाद भी खेतों में दिख रही खाली जगह

