उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पुलिस ने मेडिकल की पढ़ाई करने वाले एक नाइजीरियन छात्र को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने वीजा का टाइम पीरियड बढ़ा लिया था. इतना ही नहीं, फर्जी दस्तावेजों के जरिए ही बरेली की रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी ले लिया था. नाइजीरियन छात्र युसूफ वाला मुस्तफा अब से करीब 11 महीने पहले दक्षिणी सूडान के रहने वाले अपने दोस्त अयूब अली के साथ भारत आया था. जिसने पहले पंजाब की सिटी यूनिवर्सिटी में बीसीए में एडमिशन लिया था और 6 महीने बाद ही पंजाब से पढ़ाई छोड़कर बरेली आ गया था.
पुलिस अधिकारियों की मानें तो युसूफ वाला मुस्तफा दक्षिणी सूडान के रहने वाले अपने दोस्त अयूब अली के साथ 19 जनवरी 2025 को भारत आया था और दोनों ने पंजाब की सिटी यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया था. लेकिन कुछ ही समय बाद वह पंजाब से उत्तर प्रदेश के बरेली शहर आ गया था, जहां उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बरेली की महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय में बीएएमएस में एडमिशन ले लिया था और रोहिलखंड विश्वविद्यालय के ही हॉस्टल में रहने लगा था. खास बात यह है कि जहां युसूफ वाला मुस्तफा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए एडमिशन लिया था.
वहीं अपने वीजा की समय अवधि बढ़ाने के लिए उसने एफ आर आर ओ के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने वीजा की अवधि बढ़ा ली थी. फिलहाल पुलिस ने एक शिकायत के बाद नाइजीरियन छात्र युसूफ वाला मुस्तफा और उसके दोस्त अयूब अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और बरेली में रहकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले नाइजीरियाई छात्र युसूफ वाला मुस्तफा को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल अब पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने भी अपने-अपने स्तर से युसूफ वाला मुस्तफा से पूछताछ शुरू कर दी है कि आखिर उसकी भारत आने के पीछे की क्या मनसा थी?

