मिर्च की खेती से नोटों की झमाझम बारिश
आलू और धान की पारंपरिक खेती छोड़कर मिर्च की खेती करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. यह फसल अक्टूबर और नवंबर में तैयार होकर बाजार में भारी मांग के साथ बिकती है. मिर्च की खेती किसानों पर नोटों की बारिश करा रही है, बल्कि उनके सपनों को हकीकत में बदल रही है.
मिर्च ने लाई जीवन में मिठास
मिर्च की फसल ने फर्रुखाबाद के किसानों की जिंदगी बदल दी है. इस फसल ने उनकी आर्थिक स्थिति को इतना मजबूत किया है कि अब उन्हें कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ती. बाजार में मिर्च की मांग हमेशा बनी रहती है, और यह फसल हाथों-हाथ बिक जाती है. कम लागत में ज्यादा उत्पादन के कारण यह फसल किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. किसान बताते हैं कि सही तकनीक से खेती करने पर मिर्च का बंपर उत्पादन होता है और यह कई जिलों में आसानी से बिक जाती है. इससे लाखों रुपये की कमाई हो रही है.
किसानों को कर्ज से मिली आजादी
मिर्च का स्वाद भले ही तीखा हो, लेकिन इसकी खेती ने किसानों के जीवन में मिठास भर दी है. पहले जहां किसान कर्ज के बोझ तले दबे रहते थे, वहीं अब मिर्च की खेती ने उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दी है. बाजार में मिर्च की मांग और तुरंत बिक्री के कारण यह फसल किसानों के लिए सोने का अंडा देनेवाली मुर्गी बन गई है.
खेत से लेकर किचन गार्डन तक कमाई
मिर्च की खेती न केवल बड़े खेतों में, बल्कि छोटे स्तर पर किचन गार्डन में भी की जा सकती है. गर्मियों में मिर्च के दाम बढ़ जाते हैं और सूखने के बाद इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में होता है. इससे किसानों को दोहरी कमाई का मौका मिलता है. फर्रुखाबाद के किसान नर्सरी से मिर्च के छोटे पौधे खरीदकर खेतों में लगाते हैं, जिससे अच्छा उत्पादन होता है.
कैसे करें मिर्च की खेती?
मिर्च की खेती के लिए किसान खेत में नालियां बनाते हैं और उनमें बीज या पौधे लगाते हैं. पौधों के बीच 15 से 20 सेंटीमीटर (हरी मिर्च के लिए 35 से 40 सेंटीमीटर) की दूरी रखना जरूरी है, ताकि पौधों का विकास अच्छा हो. समय-समय पर सिंचाई और देखभाल से पैदावार बढ़ती है. सही तरीके से खेती करने पर मिर्च की फसल अच्छा मुनाफा देती है.
हरी मिर्च के फायदे
हरी मिर्च न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, आयरन, पोटैश