बरसात में बैगन की खेती के फायदे भी हैं और नुकसान भी. फसल अच्छी हो गई तो फायदे ही फायदे होते हैं, लेकिन अगर कोई आफत आ पड़ी तो नुकसान झेलना हर किसी के बस में नहीं होता है. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के किसान तरह-तरह की सब्जियों की खेती करते हैं, और बैगन की खेती भी उनमें से एक है. बरसात के मौसम में बैगन उगाने वाले किसानों की फसलों में कीड़े लगने का खतरा रहता है, जिससे काफी नुकसान होता है. बैगन की फसल में छेदक कीट ज्यादा लगते हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए किसान नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं. नीम तेल की कड़वाहट के कारण कीड़े भाग जाते हैं, और इसे आवश्यकता अनुसार पानी में मिलाकर छिड़काव करने से फसल में काफी सुधार होता है.
बरसात के मौसम में बैगन की खेती करने के लिए जून के महीने में ही इसकी बुवाई कर सकते हैं, जो 50 से 60 दिन में तैयार हो जाती है. बैगन की खेती तीन से चार महीने की होती है, और बरसात के मौसम में बैगन बाजारों में काफी महंगे बिकते हैं, लगभग 30 से 40 रुपये प्रति किलो. एक एकड़ जमीन में बैगन की खेती करने के लिए 15 से 20 हजार की लागत आती है, जिससे किसानों को लाखों का मुनाफा होता है.
कौशांबी के किसान गिरजा सिंह ने बताया कि बैगन की खेती करने के लिए मई के महीने में कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करके खेतों को तैयार कर लिया जाता है, और जून के महीने में ही इसकी रोपाई कर दी जाती है. रोपाई करने के 55 से 60 दिन बाद फल निकलने शुरू हो जाते हैं, और बरसात के मौसम में बैगन की फसल में कीड़े लगने की शिकायत ज्यादा रहती है. किसान अपने घरों पर ही अग्नि अस्त्र नाम की दवा तैयार कर सकते हैं, जो नीम की पत्ती, काढाल की पत्ती, गोमूत्र और गाय के गोबर को मिलाकर बनाई जाती है. इसे छिड़कने से कीट खेतों से भाग खड़े होंगे.

