Last Updated:August 14, 2025, 17:16 ISTKaushambi Agriculture News: कौशाम्बी जिले में भिंडी और करेला की सब्जी अब विदेशों में भी निर्यात हो रही है. जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के मार्गदर्शन में किसानों ने दुबई में 7 क्विंटल भिंडी और 4 क्विंटल करेला भेजा…और पढ़ेंकौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उगाई जा रही भिंडी अब सिर्फ स्थानीय मंडियों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रही है. जिले में हरी सब्जियों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और किसान अब पारंपरिक तरीकों के बजाय नई-नई तकनीकों को अपनाकर खेती कर रहे हैं. इस बदलाव से किसान की आय में वृद्धि हो रही है और उनकी उपज गुणवत्ता के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने लगी है. कौशांबी जिला प्रशासन लंबे समय से किसानों को नए तकनीकी तरीकों से खेती करने और व्यावसायिक फसलों की ओर आकर्षित करने के लिए लगातार किसान गोष्ठियों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फसल प्रबंधन संबंधी जानकारी उपलब्ध करा रहा है.
कौशांबी की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धिजिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के कुशल मार्गदर्शन और किसानों की मेहनत का परिणाम है कि उत्पादक संगठन और औद्यानिक विपणन सहकारी समिति, चायल के किसानों ने 7 क्विंटल भिंडी और 4 क्विंटल करेला का सफल निर्यात दुबई में किया है. यह उपलब्धि कौशांबी की कृषि क्षमता, गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी का स्पष्ट प्रमाण है.
किसानों की मेहनत का परिणाम
चायल तहसील के महंगूपुर के किसान अनूप सिंह के बेटे अंकित ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सब्जियों का कारोबार शुरू किया है. उन्होंने सीजन की पहली खेप में 7 क्विंटल भिंडी और 4 क्विंटल करेला दुबई भेजा है. इन सब्जियों को डिब्बों में पैक कर विदेश भेजा गया. कौशांबी जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि चायल क्षेत्र के किसानों ने लगातार प्रयास करने के बाद पहली ही कोशिश में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सब्जियां भेजने में सफलता पाई है.
किसान ने ₹300 प्रति किलो के हिसाब से भिंडी के बीज खरीदे और खेतों में बोया. कुछ महीनों बाद जब उत्पादन हुआ, तो इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ₹60 प्रति किलो के हिसाब से बेचा गया. इसके साथ ही सरकार ने ट्रांसपोर्ट के लिए 25% सब्सिडी प्रदान की. विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि ट्रांसपोर्ट सब्सिडी के साथ-साथ जो भी NOC की जरूरत हो, वह किसानों को उपलब्ध कराई जाए, ताकि सब्जियां आसानी से विदेशों में पहुंच सकें.
भविष्य की योजनाएं और किसान की आमदनीसरकार द्वारा किसानों को निरंतर मोटिवेशन और मदद दी जा रही है ताकि अधिक से अधिक 200-300 किसान मिलकर व्यावसायिक सब्जियों की खेती करें. इस प्रयास से न केवल कौशांबी की कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि किसानों की आमदनी में भी बढ़ेगी.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Kaushambi,Uttar PradeshFirst Published :August 14, 2025, 17:16 ISThomeuttar-pradeshअब दुबई में खाने का स्वाद बढ़ाएगी कौशाम्बी की भिंडी और करेला…