Last Updated:June 27, 2025, 06:52 ISTSambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए बड़ा खेल चल रहा था. 50 हजार रुपए में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदल कर हत्यारों को बचाने की गारंटी दी जा रही थी. संभल पुलिस ने इस मामले में एक फा…और पढ़ेंSambhal News: संभल में हत्यारों के बचाने का खेल हाइलाइट्ससंभल में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का खेल आया सामनेपुलिस ने एक फार्मासिस्ट और कंप्यूटर ऑपरेटर को किया अरेस्टपैसे लेकर हत्या के मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदली जा रही थीसुनील कुमार/संभल. उत्तर प्रदेश के संभल में कुछ पैसों के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलकर हत्यारे को निर्दोष और निर्दोष को हत्यारा बना दिया जाता है. स्वास्थ्य विभाग का एक फार्मासिस्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी करते हुए पकड़ा गया है. पुलिस ने फार्मासिस्ट और उसके साथी कंप्यूटर ऑपरेटर को जेल भेजकर इस खेल का भंडाफोड़ कर दिया. अब डीएम ने पूरे मामले की जांच का आदेश देकर जांच कमेटी गठित की है, जिससे बड़े खुलासे की संभावना है.पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के खेल का खुलासा रजपुरा थाना इलाके के गांव में 19 मई को एक लड़की की हत्या के बाद हुआ. प्रेम प्रसंग से नाराज लड़की के पिता ने अपने बेटे और सहयोगियों के साथ मिलकर लड़की की हत्या कर शव को फांसी पर लटका दिया. लड़की के प्रेमी और उसके भाई को नामजद कर दिया. यही नहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाने के लिए एक फार्मासिस्ट से सौदा कर लिया, जिससे हत्यारे बच जाएं और प्रेमी जेल चला जाए. पुलिस ने केस की जांच की तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए. पुलिस ने लड़की के पिता, भाई और अन्य हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया. वहीं फार्मासिस्ट और उसके सहयोगी कंप्यूटर ऑपरेटर को भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी का खुलासा किया. रिपोर्ट में हेराफेरी की चैट और रिश्वत के पैसे ऑनलाइन लेने के भी पुलिस को साक्ष्य मिले हैं.
दर्जनों डॉक्टर रडार पर
सूत्रों के अनुसार, पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो जुनावई और असमोली के भी ऐसे ही मामले सामने आए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्याओं की पुष्टि नहीं हुई और आरोपी साफ बच गए. फार्मासिस्ट के मोबाइल से पुलिस को ऐसे सुबूत मिले हैं, जिससे रिपोर्ट बदलने के खेल की गहरी पैठ सामने आई है. पूरे खेल में जिले के स्वास्थ्य विभाग के कुछ उच्चस्तरीय अधिकारी और दर्जनों डॉक्टर जांच के दायरे में हैं. स्वाभाविक है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कोई फार्मासिस्ट नहीं बल्कि डॉक्टर लिखता है. अब बड़ा सवाल है कि हत्या जैसे गंभीर अपराधों में हत्यारों को बचाने के लिए ये धरती के भगवान आखिर क्या कर रहे हैं?
50 हजार में बदली जा रही थी रिपोर्ट
सूत्रों की मानें तो पोस्टमार्टम के लिए भेजी गई डेडबॉडी पर पुलिस द्वारा लिखे गए चोट के निशान डॉक्टर को कोई मायने नहीं रखते. फार्मासिस्ट द्वारा की गई डील के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनती थी और यह डील की गारंटी होती थी. जानकारी के मुताबिक 50 हजार रुपए में पूरा खेल खेला जा रहा था. पूरे मामले में बताया जा रहा है कि जिले के एक बड़े अधिकारी ने सीएमओ समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों की गोपनीय मीटिंग बुलाई थी. आरोपियों को जब सुबूत दिखाए गए तो सभी ने आगे कोई गलती न होने का वादा कर माफी मांग ली. वहीं डीएम ने केस को गंभीर मानते हुए एक जांच कमेटी बनाकर जांच का आदेश दिया है. अधिकारियों, डॉक्टरों और कई कर्मचारियों समेत दर्जनों लोगों की जांच में गर्दन नपने की आशंका है.Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताPrincipal Correspondent, LucknowPrincipal Correspondent, Lucknow Location :Sambhal,Moradabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshमर्डर किया है, बेफिक्र हो जाओ… 50 हजार में ऐसे किया जा रहा निर्दोष साबित