Last Updated:June 24, 2025, 10:04 ISTRampur News: इनदिनों अरबी की मार्केट में काफी डिमांड है. खासकर अरबी के पत्तों की. अरबी के पत्तों से एक खास डिश तैयार होती है जिसे पत्तोड़ा कहते हैं, जो खाने में बहुत टेस्टी होती है. वैसे किसान भाई, अरबी की खेती…और पढ़ेंहाइलाइट्सअरबी की खेती से जड़ और पत्तों दोनों से मुनाफा होता है.अरबी के पत्तों से पत्तोड़ा डिश बनाई जाती है.अरबी की खेती में कम पानी और सही देखभाल जरूरी है.रामपुर: रामपुर के कल्याणपुर गांव में किसान मौरसिंह ने 3 बीघा जमीन में देशी अरबी की खेती की है. अरबी वैसे तो एक आम सब्जी मानी जाती है, लेकिन इसकी खेती से मौरसिंह को डबल मुनाफा हो रहा है. वजह ये है कि अरबी की जड़ के साथ-साथ उसके पत्ते भी बिक जाते हैं और वो भी अच्छे दामों पर.डबल मुनाफा
मौरसिंह बताते हैं कि अरबी की खेती आसान नहीं है और मेहनत भी दोगुनी लगती है, लेकिन अगर ध्यान से देखभाल की जाए तो मुनाफा भी दुगुना हो जाता है. उन्होंने बताया कि एक बीघा जमीन से करीब 30 कुंटल अरबी निकल आती है. इसके अलावा उसी खेत से करीब दो ट्रॉली पत्ते भी मिलते हैं, जो लोकल सब्जी मंडियों में बिक जाते हैं यानी जड़ भी बिक रही है और पत्ते भी.
क्या है खेती का सही तरीका
अरबी की खेती में सबसे पहले अच्छे बीज का चुनाव जरूरी होता है. देशी अरबी की खास बात ये है कि इसका स्वाद बढ़िया होता है और जल्दी सब्जी बनाते समय पक भी जल्दी जाती है. इसमें पानी कम लगता है. खेत को पहले अच्छी तरह जोतकर उसमें गोबर की खाद डाली जाती है. फिर बीजों को कतार में 1 से 1.5 फुट की दूरी पर लगाया जाता है. शुरुआत में 3 से 4 बार निराई-गुड़ाई करनी पड़ती है, ताकि खरपतवार न पनपे.
इन बातों का रखें ध्यान
अरबी को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन समय-समय पर सिंचाई जरूरी है. ज्यादा पानी हो जाए, तो इसकी जड़ सड़ सकती है. फसल करीब 3 से 4 महीने में तैयार हो जाती है.
मार्केट में पत्तों की रहती है खास डिमांड
अरबी की सब्जी तो हर घर में बनती है, लेकिन इसके पत्तों का भी खूब इस्तेमाल होता है. पत्तों से पत्तोड़े नाम की खास डिश बनाई जाती है, जो खासकर हर घर मे खूब पसंद की जाती है. यही वजह है कि मार्केट में इसके पत्तों की भी अच्छी कीमत मिल जाती है.Location :Rampur,Uttar Pradeshhomeagricultureअरबी की खेती में छुपा है कमाई का फॉर्मूला, जड़ और पत्तों दोनों से होती है आमदनी