गाजियाबाद जिला अस्पताल में ये कैसा लिफ्ट? 9 साल से साबित हुआ सफेद हाथी, देखें रिपोर्ट

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गाजियाबाद जिला अस्पताल में ये कैसा लिफ्ट? 9 साल से साबित हुआ सफेद हाथी,

Last Updated:June 21, 2025, 13:51 ISTGhaziabad News : गाजियाबाद जिला अस्पताल की लिफ्ट 2016 से बंद है, जिससे गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग मरीजों को भारी परेशानी हो रही है. लिफ्ट की मरम्मत के लिए फंड की कमी और तकनीकी खामियों के कारण समस्या बनी हुई है….और पढ़ेंहाइलाइट्सअस्पताल की लिफ्ट 9 साल से बंद पड़ी है.गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग मरीजों को भारी परेशानी.फंड की कमी और तकनीकी खामियों से लिफ्ट चालू नहीं हो सकी.गाजियाबाद : गाजियाबाद के जिला अस्पताल की ये तस्वीरें न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलती हैं, बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही और संसाधनों की कमी को भी उजागर करती हैं. हालत ये है कि जिला अस्पताल गर्भवती महिलाओं से लेकर बुजुर्ग मरीजों तक को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है, क्योंकि अस्पताल की लिफ्ट सालों से बंद पड़ी है. जबकि इस लिफ्ट में लाखों रुपए खर्च भी कर दिए गए हैं.गौरतलब है कि साल 2016 में अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए 12 लाख की लागत से लिफ्ट तो लगवाई थी, लेकिन फंड की कमी और तकनीकी खामियों के चलते यह लिफ्ट कभी स्थायी रूप से शुरू ही नहीं हो सकी. शुरूआती दिनों में मेंटेनेंस और लिफ्ट ऑपरेटर की कमी के कारण लिफ्ट बंद कर दी गई थी. हालांकि बाद में इसे चालू किया गया, लेकिन लो वोल्टेज के कारण कई बार मरीज और डॉक्टर लिफ्ट में फंस गए. इससे डर का माहौल बना जिसकी आड़ में लिफ्ट को दोबारा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया.

क्या है समस्या की जड़?अस्पताल की इस गंभीर समस्या को गाजियाबाद के एमएलसी दिनेश गोयल ने विधानसभा में भी उठाया. इस पर शासन से करीब 3.50 लाख रुपये का फंड भी पास किया, जिससे लिफ्ट की मरम्मत तो कराई गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. लिफ्ट में अब भी वोल्टेज स्टेबलाइजर और प्रशिक्षित लिफ्ट ऑपरेटर की जरूरत है, जो अब तक उपलब्ध नहीं हैं.

फंड की कमी बनी बाधा
सीएमएस संजय गुप्ता का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन हर बार फंड की कमी आड़े आ जाती है. मरम्मत के बाद लिफ्ट की स्थिति कुछ समय के लिए सुधरी जरूर, लेकिन तकनीकी सहयोग और नियमित देखरेख के बिना यह अब फिर से बंद पड़ी है.

गर्भवती महिलाओं के लिए आफत बना लिफ्टसबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को होती है. अस्पताल की पहली मंजिल पर महिला वार्ड और डिलीवरी यूनिट है, जबकि नवजात शिशुओं के लिए जरूरी जांच और सुविधाएं ग्राउंड फ्लोर पर स्थित हैं. लिफ्ट बंद होने के कारण परिजनों को डिलीवरी के बाद मां और बच्चे के बीच संपर्क बनाए रखने के लिए बार-बार सीढ़ियां चढ़नी-उतरनी पड़ती हैं. खासकर ऑपरेशन के बाद जिन महिलाओं को पूरी तरह आराम की जरूरत होती है, उन्हें भी सीढ़ियों से लाया जाता है, जिससे उनकी तकलीफ और बढ़ जाती है.

कब होगा समाधान?इसी तरह बुजुर्ग मरीज, जिनके घुटनों या कमर में दर्द है, वो भी ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने में असमर्थ हैं. परिजन उन्हें गोद में उठाकर या सहारा देकर ले जाने को मजबूर हैं. अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि फंड उपलब्ध होते ही लिफ्ट की मरम्मत के साथ-साथ स्थायी लिफ्ट ऑपरेटर और वोल्टेज स्टेबलाइजर की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि एक स्वास्थ्य केंद्र जो जिले का संयुक्त जिला अस्पताल है, वहां बुनियादी सुविधाएं कब तक अधूरी रहेंगी?Location :Ghaziabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshगाजियाबाद जिला अस्पताल में ये कैसा लिफ्ट? 9 साल से साबित हुआ सफेद हाथी,

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