Last Updated:June 06, 2025, 06:21 ISTसहारनपुर के किसान संजय सैनी ने डिहाइड्रेशन तकनीक से सब्जियों को सुरक्षित कर देशभर में बेचना शुरू किया है, जिससे वे लाखों कमा रहे हैं और अन्य किसानों के लिए मिसाल बने हैं. आइए जानते है इनकी तकनीक…… उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के किसान इन दिनों खेती के क्षेत्र में नए-नए प्रयोगों से देशभर में नाम कमा रहे हैं. ऐसे ही एक किसान हैं संजय सैनी, जिन्होंने सब्जियों को डिहाइड्रेशन तकनीक से सुरक्षित करके उन्हें देशभर में बेचना शुरू किया है. अब वे लाखों की कमाई कर रहे हैं और अन्य किसानों के लिए मिसाल बन चुके हैं. डिहाइड्रेशन एक ऐसी तकनीक है जिसमें सब्जियों और फलों से नमी यानी पानी निकाल दिया जाता है. इससे सब्जियां खराब नहीं होतीं और लंबे समय तक स्टोर की जा सकती हैं. इस प्रक्रिया में सब्जियां कुरकुरी और हल्की हो जाती हैं, लेकिन उनके पोषक तत्व यानी न्यूट्रिएंट्स बरकरार रहते हैं. डिहाइड्रेशन से तैयार की गई सब्जियों को दो साल तक बिना खराब हुए सुरक्षित रखा जा सकता है. संजय सैनी ने बताया कि भारत में करीब 37.5% खाद्य पदार्थों का वेस्टेज हो जाता है, जिसमें फल, सब्जियां और अनाज शामिल हैं. इनका नुकसान सिर्फ किसान को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को होता है. लेकिन डिहाइड्रेशन एकमात्र ऐसा समाधान है, जिससे इस वेस्टेज को रोका जा सकता है. उनका कहना है कि कोल्ड स्टोरेज भी इस समस्या को पूरी तरह हल नहीं कर पाता, लेकिन डिहाइड्रेशन से मौसमी फसलों को दो साल तक सुरक्षित रखना संभव है. संजय सैनी बताते हैं कि जब कोई सब्जी या फल सस्ता होता है, तो वे उसे तुरंत डिहाइड्रेट कर लेते हैं. इससे वह प्रोडक्ट 10 से 20 गुना तक ज्यादा दाम में बिक सकता है. सहारनपुर में खासतौर से टमाटर, करेला, खीरा और आम जैसे फल व सब्जियों को वे डिहाइड्रेट करते हैं. डिहाइड्रेशन के बाद इन सब्जियों को जब भी इस्तेमाल किया जाता है, तो पानी में डालने पर ये दोबारा अपनी असली स्थिति में आ जाती हैं और स्वाद भी वैसा ही बना रहता है. डिहाइड्रेट की गई सब्जियों की डिमांड सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. संजय सैनी की डिहाइड्रेट की गई भिंडी, बैंगन, टमाटर, खीरा और करेला जैसे उत्पाद देशभर में बिक रहे हैं. इनसे उन्हें कई गुना ज्यादा मुनाफा मिल रहा है. डिहाइड्रेशन तकनीक ने न सिर्फ संजय सैनी की आमदनी बढ़ाई है, बल्कि ये तरीका अब अन्य किसानों के लिए भी एक नई उम्मीद बन गया है.homeuttar-pradesh37% फूड वेस्ट रोकने का अनोखा तरीका, किसान से सीखिए करोड़ों का आइडिया, जानें