Your eyes will see the world even after death your great donation can change a life | मौत के बाद भी दुनिया को देखेंगी आपकी आंखें, आपके महादान से बदल सकती है एक जिंदगी

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Your eyes will see the world even after death your great donation can change a life | मौत के बाद भी दुनिया को देखेंगी आपकी आंखें, आपके महादान से बदल सकती है एक जिंदगी



हर साल 10 जून को वर्ल्ड आई डोनेशन डे तौर पर मनाया जाता है. एक ऐसा दिन जो हमें नेत्रदान के महत्व की याद दिलाता है. यह दिन  मनाया जाता है ताकि लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक किया जा सके और दृष्टिहीन लोगों को देखने का एक नया मौका मिल सके.
भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जो कॉर्निया की खराबी के कारण देख नहीं पाते. कॉर्निया आंख का वह पारदर्शी हिस्सा होता है जो रोशनी को आंखों के अंदर पहुंचाता है. जब यह हिस्सा खराब हो जाता है तो व्यक्ति की दृष्टि चली जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में 2024 में करीब 12 लाख लोगों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है, लेकिन हर साल सिर्फ 25,000 से 30,000 प्रत्यारोपण ही हो पाते हैं.
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#DNAWithRahulSinha | वर्ल्ड आई डोनेशन डे : किसी को दृष्टि देना, जिंदगी देने के समान…नेत्रदान की प्रक्रिया बेहद आसान
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— Zee News (@ZeeNews) June 10, 2025
 
जागरूकता की कमी बनी है सबसे बड़ी बाधा
भारत में अभी भी नेत्रदान को लेकर जागरूकता की कमी है. बहुत से लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि मृत्यु के बाद भी आंखें दान की जा सकती हैं और यह प्रक्रिया बेहद आसान है. मौत के बाद 6 से 8 घंटे के भीतर प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा आंखें निकाली जा सकती हैं. कुछ लोगों में यह गलत धारणा है कि मृत्यु के बाद शरीर से अंग निकालना धार्मिक रूप से ठीक नहीं है, जबकि सच्चाई यह है कि नेत्रदान एक पुण्य का कार्य है. यह ऐसा उपहार है जो मरने के बाद भी किसी और की दुनिया को रोशनी से भर सकता है.
नेत्रदान की प्रक्रिया क्या है?
नेत्रदान के लिए सबसे पहले किसी रजिस्टर्ड आई बैंक में जाकर अपना संकल्प दर्ज करवाना होता है. वहां एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें व्यक्ति अपनी इच्छा जाहिर करता है. इसके बाद अपने परिवार के लोगों को इसकी जानकारी देना बेहद जरूरी है, ताकि मौत के बाद वे आई बैंक को समय पर सूचित कर सकें. मृत्यु के बाद शव को बंद कमरे में रखा जाए ताकि आंखें सूखने या खराब होने से बचाई जा सकें. आई बैंक की टीम सूचना मिलने के बाद निर्धारित समय में वहां पहुंचती है और नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी करती है.
नेत्रदान: एक जीवनदायिनी उपहार
नेत्रदान का मतलब है किसी को रोशनी की दुनिया लौटाना. एक व्यक्ति की आंखें दो लोगों को नई दृष्टि दे सकती हैं. सोचिए, आप अपने जाने के बाद भी किसी की जिंदगी में उजाला भर सकते हैं. यही एक ऐसा तरीका है जिससे मरकर भी ज़िंदगी को नया अर्थ दिया जा सकता है.




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