आशुतोष तिवारी/रीवा: जिले में बेहद उपजाऊ जमीन होने के कारण खेती और बागवानी की यहां ढेर सारी संभावनाएं हैं. जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां के किसान अमरूद की खेती से लखपति बन गए हैं. वैसे तो रीवा के कृषि अनुसंधान केंद्र कुठुलिया के अनुसार, 80 से ज्यादा प्रजाति के अमरूद की खेती जिले भर में होती है. लेकिन, सबसे ज्यादा रीवा में इलाहाबादी सफेदा अमरूद की खेती होती है. रीवा के रीठी, बर्रेही, रायपुर, बेलवा गांव के किसान इलाहाबादी सफेदा अमरूद की सप्लाई दिल्ली, यूपी और छत्तीसगढ़ तक करते हैं.

रसीले स्वाद को लेकर जाना जाता है इलाहाबादी सफेदारीवा के कृषि अनुसंधान केंद्र कुठुलिया में पदस्थ कृषि वैज्ञानिक टीके सिंह ने बताया कि इलाहाबादी सफेदा अमरूद का पेड़ एक लोकप्रिय फलदार प्रजाति है, जो भारत और अन्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से उगाई जाती है. यह फल अपने स्वाद और गुणों को लेकर जाना जाता है. अमरूद में वैसे तो कई वैरायटी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड इलाहाबादी सफेदा की ही होती है. यह अमरूद अपने रसीले, मीठे और स्वादिष्ट फलों के लिए जाना जाता है. चूंकि, रीवा की जमीन बेहद उपजाऊ है, इसलिए यहां इलाहाबादी सफेदा का अच्छा उत्पादन होता है.

दूसरे प्रदेशों में भी जाते हैं अमरूदरीवा के बरेही गांव के किसान संत कुमार सिंह ने बताया कि अब तक करोड़ों के अमरूद बेच चुके हैं. उनके अमरूद को खरीदने के लिए मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के व्यापारी भी आते हैं. प्रयागराज, मऊ, मानिकपुर, चित्रकूट, मिर्जापुर, बांदा, कौशाम्बी, सोनभद्र, अनपरा आदि जगहों के व्यापारियों की इनके यहां होड़ लगी रहती है. संत कुमार के बाग के इलाहाबादी सफेदा अमरूद की जबरदस्त डिमांड है. इसके अलावा भी कई प्रकार की प्रजाति के अमरूद संत कुमार के बगीचे में हैं. ऐसे ही जिले के दूसरे किसान मितेश देव सिंह, ब्याघ्र देव सिंह और अमलेश पटेल भी बड़े स्तर पर इलाहाबादी सफेदा की खेती करते हैं. इन सभी किसानों की सालाना कमाई लाखों रुपये में है.
.Tags: Local18, Mp farmer, Mp news, Rewa NewsFIRST PUBLISHED : January 31, 2024, 07:46 IST



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