अंजली शर्मा/कन्नौज: यूपी के प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के बाद कन्नौज एक मात्र ऐसा जिला है जहां 2 महान नदियों का संगम होता है. जानकारों की माने तो यहां करीब 5 से 7 नदियों का संगम होता है लेकिन कालिंदी और गंगा नदी का अद्भुत संगम साक्षात श्रद्धालुओं को दिखाई भी देता है. साल में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने यहां लाखो की संख्या में देश भर से श्रद्धालु आते है. कन्नौज के मेहंदीघाट पर श्रद्धालु स्नान करते हैं. मान्यता है कि यहां स्नान करने पर सारी कई रोगों से छुटकारा भी मिलता है.

यहां करीब 5 से 7 नदियों का मिलन होता है लेकिन साक्षात आंखों से मां गंगा और कालिंदी नदी का मिलाप यहां पर साफ तौर से देखा जाता है. दोनों नदियों के जल में साफ अंतर दिखता है. कालिंदी नदी का जल हल्का सा काला होता है तो वही गंगा नदी का जल बिल्कुल सफेद दिखाई देता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां स्नान करने से शरीर में होने वाले कई तरह के रोगों में इस जल के प्रताप से निजात मिलती है.

कई रोगों से मिलता है छुटकारा

पुजारी सुशील कुमार तिवारी और आनंद तिवारी बताते है कि साल में होने वाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. आज के दिन यहां पर स्नान करने से शरीर में होने वाले चर्म रोग, मानसिक रोग एवं पुरानी बीमारियों से निजात मिलती है. वहीं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा भी श्रद्धालुओं को प्राप्त होती है.

कालिंदी नदी का उद्गम

कालिंदी का उद्गम मुजफ्फरनगर जिले में है जहाँ यह ‘नागन’ के नाम से विख्यात है. मुजफ्फरनगर तथा मेरठ जिलों में इसका मार्ग अनिश्चित रहता है. परंतु बुलंदशहर पहुँचकर यह निश्चित घाटी में बहती है तथा वर्ष भर इसमें जल रहता है. यहाँ इसे काली नदी कहते हैं जो ‘कालिंदी’ का पारसी लेखकों द्वारा प्रयुक्त अपभ्रंश रूप है. यहाँ पर इसकी दिशा दक्षिण के बजाय दक्षिण-पूर्व हो जाती है. इसी ओर चलती हुई काली नदी कन्नौज में गंगा में मिल जाती है और जहाँ तक गंगा बहती है कालिन्द्री साथ साथ रहती है.
.Tags: Hindi news, Local18, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 11:22 IST



Source link