Last Updated:June 29, 2025, 20:54 ISTMeerut Latest News: मेरठ का परीक्षितगढ़ किला महाभारत काल से जुड़ा अहम स्थल माना जाता है. कहते हैं, यहीं पर राजा परीक्षित ने शासन किया था और यहीं से कलयुग की शुरुआत मानी जाती है. किले से जुड़ी कई मान्यताएं और रो…और पढ़ेंहाइलाइट्समेरठ में स्थित परीक्षितगढ़ किला महाभारत काल से जुड़ा है.राजा परीक्षित ने किला परीक्षितगढ़ से अपना शासन चलाया था.मेरठ का किला परीक्षितगढ़ कलयुग की शुरुआत से भी जुड़ा है.मेरठ: अगर आप भी इतिहास और धर्म में रुचि रखते हैं तो मेरठ जिले का नाम सुनते ही आपके मन में हस्तिनापुर और महाभारत कालीन विरासत की तस्वीर जरूर बनती होगी. मेरठ शहर से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित हस्तिनापुर, महाभारत काल की धरती के तौर पर जाना जाता है. यहां आज भी ऐसे कई ऐतिहासिक मंदिर और जगहें मौजूद हैं, जो हजारों साल पुरानी परंपरा और इतिहास को जीवित रखे हुए हैं. ठीक ऐसी ही एक ऐतिहासिक जगह है किला परीक्षितगढ़, जिसका नाम भी खुद महाभारत काल के राजा परीक्षित के नाम पर रखा गया है.इसी सिलसिले में लोकल 18 की टीम ने हस्तिनापुर एक्सपर्ट और शोभित विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रियंक भारती से खास बातचीत की, जिन्होंने किला परीक्षितगढ़ से जुड़ी कई ऐतिहासिक बातें साझा कीं.
किला परीक्षितगढ़ और राजा परीक्षित डॉ. प्रियंक भारती बताते हैं कि महाभारत काल में अधिकतर राजाओं ने हस्तिनापुर से ही अपना शासन चलाया था. लेकिन अर्जुन के पौत्र और अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने अपना महल किला परीक्षितगढ़ में बनवाया था. यहीं से उन्होंने अपने जीवनकाल में पूरे क्षेत्र पर शासन किया. आज भी इस किले में कई ऐतिहासिक चिन्ह और धरोहरें मौजूद हैं, जो इस गौरवशाली इतिहास की गवाही देती हैं.
कलयुग की शुरुआत भी जुड़ी है परीक्षितगढ़ से
इतिहासकार बताते हैं कि किला परीक्षितगढ़ सिर्फ महाभारत काल ही नहीं, बल्कि कलयुग की शुरुआत से भी जुड़ा हुआ है. डॉ. प्रियंक भारती बताते हैं कि जब राजा परीक्षित शिकार करने इसी क्षेत्र में गए थे, तभी उनकी मुलाकात कलयुग से हुई थी. कलयुग ने अपने छल से राजा परीक्षित से उनके मुकुट में स्थान मांगा, और राजा ने सहजता से यह अनुमति दे दी.
इसके बाद, राजा परीक्षित ने तपस्या कर रहे ऋषि शमीक की तपस्या भंग कर दी, जिसके कारण उन्हें श्राप मिला और सर्पदंश से उनकी मृत्यु हो गई. माना जाता है कि तभी से कलयुग की शुरुआत हुई थी.
आज भी मौजूद हैं कई रहस्य
किला परीक्षितगढ़ केवल ऐतिहासिक इमारत ही नहीं, बल्कि कई धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण भी यहां युद्ध टालने के उद्देश्य से संधि करने आए थे. इसके अलावा यहां कई रहस्यमयी घटनाओं और मान्यताओं की कहानियां आज भी लोगों के बीच प्रचलित हैं.
Location :Meerut,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshयूपी के इस किले से जुड़ी है कलयुग की शुरुआत की कहानी!