Last Updated:July 11, 2025, 06:58 ISTHardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई में अब फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है. जिसके बाद ग्राम सचिव को निलंबित करते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. Hardoi News: हरदोई में बड़ेपैमाने पर फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला हाइलाइट्सहरदोई के दो ग्राम पंचायतों से जारी हुए 742 फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रइस मामले में ग्राम सचिव की लापरवाही सामने आने के बाद उसे निलंबित कियाअब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस को जांच सौंपी गई हैहरदोई. हरदोई के टड़ियावां विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं. अब पता चला है कि दो ग्राम पंचायतों में 528 नहीं, बल्कि 742 फर्जी प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. इस मामले में संबंधित ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया है.
बीते दिनों टड़ियावां विकास खंड की ग्राम पंचायत रावल और अलीशाबाद से फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर डीएम और एसपी ने सख्त रुख अपनाया है. प्रारंभिक जांच में ग्राम पंचायतों के सचिव राजीव श्रीवास्तव की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. राजीव ने दावा किया था कि उनका सीआरएस पोर्टल हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं.
ग्राम सचिव को किया गया निलंबित
उन्होंने 505 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 23 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की एफआईआर दर्ज कराई थी. अब इसी मामले में नई जानकारी सामने आई है. सिर्फ रावल में ही मई 2025 से 13 जून 2025 तक 505 जन्म प्रमाण पत्र और 22 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. इसके बाद अलीशाबाद ग्राम पंचायत से 29 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक 213 जन्म प्रमाण पत्र और 2 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र जारी होने से विभाग में भी खलबली मच गई है. विभाग की प्राथमिक जांच पूरी होने के बाद ग्राम सचिव राजीव श्रीवास्तव की गैर जिम्मेदारी के कारण जिला विकास अधिकारी कमलेश कुमार ने निलंबित कर दिया है.
साइबर सेल कर सकता है मामले की जांच
मामले की जांच साइबर सेल को सौंपी जा सकती है. ग्राम सचिव ने पूरा मामला टड़ियावां थाने में दर्ज कराया था. इसमें फर्जीवाड़ा की धाराओं के साथ आईटी एक्ट की धारा भी जोड़ी गई थी. टड़ियावां पुलिस अभी तक इस मामले में कोई जांच नहीं कर पाई है. ऐसे में चर्चा है कि मामले की विवेचना साइबर थाने को दी जा सकती है. इसकी वजह यह है कि साइबर थाने में साइबर अपराध की रोकथाम के विशेषज्ञ कर्मचारी तैनात हैं.Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताPrincipal Correspondent, LucknowPrincipal Correspondent, Lucknow Location :Hardoi,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshUP के इस जिले में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा,बना डाले 742 फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र