उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। यहां के कई गांवों में चोरी और अपराधिक घटनाएं बढ़ गई हैं। इससे ग्रामीण रातभर लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में चोरी हो रही है, चोर आ जाते हैं, और सुरक्षा का खतरा है। इसलिए, मजबूरन, वह रातभर जागकर अपने गांव की सुरक्षा कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि दिन में वे खेती करते हैं और रात में रखवाली करते हैं। न दिन में सो पाते हैं और न रात में। उन्होंने कहा कि गांव की सुरक्षा होनी चाहिए और पुलिस की गस्त जरूरी होनी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को जागरूक करना चाहिए कि आखिर यह सब चल क्या रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने इसे अफवाह बताया है। पुलिस का कहना है कि ड्रोन कुछ नहीं है और यह क्षेत्र ट्रैफिक एरिया में शामिल है। इसलिए, रात में ऐसी घटनाएं आम हैं। अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि लोगों की सुरक्षा करने के लिए पुलिस लगातार तत्पर है।
यह मामला गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पूरे गांव का है। इसके अलावा, संग्रामपुर, अमेठी, सैदपुर, सैठा, पठानपुर सहित कई गांव के ग्रामीण भी इन दिनों रातभर पहरेदारी कर रहे हैं। यह लोग रात रातभर जगते हैं और अपने घरों की सुरक्षा कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में चोरी छिनैती और अपराधिक घटनाएं घटित हो रही हैं। उनके घरों में चोर आ जाते हैं अगर वह रात में न जगे और अपनी सुरक्षा न करें तो अप्रिय घटना घटित हो जाती है। इसलिए, वह खाना पीना खाकर सड़कों पर लाठी डंडे लेकर आ जाते हैं और जागते रहो जागते रहो का नारा देते हैं।
ग्रामीणों की इस स्थिति को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि आखिर यह सब चल क्या रहा है। क्या पुलिस को ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुछ करना चाहिए? क्या पुलिस को ग्रामीणों की समस्याओं को समझना चाहिए? यह सवाल पुलिस और ग्रामीणों के बीच के संबंधों को दर्शाता है।
अंत में, यह सवाल उठता है कि आखिर यह सब चल क्या रहा है। क्या पुलिस को ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुछ करना चाहिए? क्या पुलिस को ग्रामीणों की समस्याओं को समझना चाहिए? यह सवाल पुलिस और ग्रामीणों के बीच के संबंधों को दर्शाता है।