यूपी का वो गांव, जहां दिहाड़ी मजदूर बन रहे करोड़पति, लिख रहे नई किस्मत, ऐसे होती है कमाई

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Last Updated:July 23, 2025, 23:52 ISTBareilly News : यूपी के बरेली जिले का हजियापुर गांव कई वजहों से चर्चा में रहता है. यह गांव हजियापुर पुराना और घनी आबादी वाला क्षेत्र है. मुस्लिम आबादी यहां पर बहुल रूप से रहती है. सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी कई…और पढ़ेंयूपी के बरेली जिले का हजियापुर गांव के मजदूर कैसे बन रहे करोड़पतिबरेली. यूपी के बरेली जिले का हजियापुर गांव के लोग एकदूसरे के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं. यहां की तंग गलियों में रौनक भले ही ना हो लेकिन जर्जर मकानों में रौनक आ रही है. नए सिरे से मकान बनाए जा रहे हैं. पुराने मकानों का नए सिरे रंगरगन किया जा रहा है. यह सब हो रहा है यूट्यूब से. जी हां! यूट्यूब इस गांव के लोग इनकी किस्मत बदल रहा है. इनका बनाया हुआ कंटेंट लाखों लोगों को पसंद आ रहा है. फिर चाहे वह दिहाड़ी मजदूर करने वाले जावेद हुसैन हो या फिर 65 वर्षीय मोहम्मद मोविन. ये सभी पहले मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार चलाते थे. अब ऑनलाइन स्टार बन गए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हजियापुर में बदलाव की बयार तेजी से बह रही है. पहले यहां बिजली कटौती बहुत सामान्य बात थी. बेरोजगारी तो थी ही. अब लगभग हर घर में कोई न कोई डिजिटल कंटेंट बना रहा है. कोई खाना पकाने के वीडियो बना रहा है तो कोई कॉमेडी, तो कोई सिलाई-कढ़ाई के वीडियो बनाकर अपनी तकदीर बदल रहा है. यहां तक कि सामाजिक मुद्दों पर भी यहां के लोग कंटेंट क्रिएट कर रहे हैं.

जावेद हुसैन पहले मजदूरी करते थे और मुश्किल से 200-300 रुपये रोजाना कमाते थे. यूट्यूब पर एक चैनल खोला तो रातोंरात उनकी किस्मत बदल गई. अब उनके यूट्यूब पर 56 लाख सब्सक्राइबर हैं. जावेद अब कॉमेडी शो बनाते हैं और दूसरों को भी काम देते हैं. 65 वर्षीय मोहम्मद मोविन की कहानी भी जावेद जैसी ही है. पहले वह कबाड़ इकट्ठा करके अपना परिवार चलाते थे. 2022 में उन्होंने ‘चाचा’ नाम से अपना यूट्यूब पर अपना चैनल शुरू किया. अब 70 लाख सब्सक्राइबर उनके चैनल पर हैं. मोविन इशारों-इशारों में अपनी कमाई का जिक्र करते हैं. बताते है कि उन्होंने वीडियो से हुई कमाई से अपनी सबसे बड़ी बेटी की शादी कर ली है.अब तीन अन्य बेटियों की शादी के लिए पैसा जुटा रहे हैं. वो कहते हैं कि ‘मैंने अपनी जिंदगी में बहुत दुख देखे हैं लेकिन गम हंसकर सहे हैं.’

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इसी गांव के ईशान अली की सफलता की कहानी आंखें खोल देने वाली है. राजनीति विज्ञान से ग्रेजुएट और एमबीए ईशान अली कभी एक नौकरी पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे. बाद में वो यूट्यूबर बन गए. उनका यह फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ. @Ishaanali11 के नाम से उनका यूट्यूब चैनल पर हैं जिस पर 36 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. ईशान अली से प्रेरित होकर उनके छोटे भाई आदिल ने भी अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है जिसमें 1.2 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. ईशान अली के पिता की साइकिल की एक छोटी सी दुकान थी. आज दोनों भाई करोड़ों रुपये यूट्यूब से छाप रहे हैं. ईशान कहते हैं, ‘मेरा भी सलमान खान बनने का सपना था. चाहता था कि मेरे आसपास फैंस की भीड़ हो.’

अरशद अली भी कभी मजदूरी करके रोजाना 400-500 रुपये कमाते थे. अब वह कॉमेडी वीडियो बनाते हैं. इतना ही नहीं, गांव के ही आकाश कुमार ने पत्रकारिता का डिप्लोमा किया. नौकरी नहीं मिली तो खुद का रिपोर्टिंग चैनल यूट्यूब पर खोल लिया. फेसबुक पेज बनाया. ‘गली मोहल्ला शो’ दुर्गम इलाकों को कवर करता है. एक दिन में 10 लाख व्यूज पाते हैं. अपनी ड्रीम कार खरीद चुके हैं.Chaturesh TiwariAn accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M…और पढ़ेंAn accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M… और पढ़ेंhomeuttar-pradeshयूपी का वो गांव, जहां मजदूर बन रहे करोड़पति, ‘पारस पत्थर’ से ऐसे होती है कमाई

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