Uttar Pradesh

योगी सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा था प्रयागराज के श्मशान घाट में सैकड़ों शवों का वायरल वीडियो, News18 की पड़ताल



लखनऊ. साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के सबसे बड़े श्मशान घाट फाफामऊ का एक वीडियो और कई फोटोग्राफ वायरल हुए थे. वायरल वीडियो और फोटोग्राफ के जरिए यह दावा किया जा रहा था कि प्रयागराज जिले में और आसपास के जिले में कोरोना से मरने वालों की तादाद इतनी ज्यादा है कि अब शवों को दफनाया जा रहा है क्योंकि उन्हें जलाना मुमकिन नहीं है. अब न्यूज़18 इंडिया ने करीब एक साल बाद इस वायरल वीडियो और फोटोग्राफ की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की है. जो सच सामने आया है, उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. इस पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो और फोटोग्राफ योगी सरकार के खिलाफ केवल एक प्रोपेगेंडा था.

पूर्वजों के जमाने से है रेत में दफनाए जाने की परंपरासबसे पहली हकीकत का पता लगाने के लिए न्यूज़18 इंडिया की टीम प्रयागराज के सबसे बड़े श्मशान घाट फाफामऊ पहुंची. करीब 1 साल पहले वायरल वीडियो और फोटोग्राफ में जो तस्वीरें थीं, आज भी वही नजारा फाफामऊ श्मशान घाट का है. आज भी वहां लोगों को दफनाया जाता है. घाट पर मौजूद अंतिम संस्कार कराने वाले पंडित और स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्वजों के जमाने से यहां पर गंगा के तट पर रेत में मृतकों को दफनाया जाता रहा है. घाट पर रहने वाले पुरोहित लल्लू पंडित का कहना है कि केवल प्रयागराज ही नहीं, बल्कि आसपास के जिले प्रतापगढ़, सुल्तानपुर और अन्य जिले के लोग भी यहां अपने परिजनों को दफनाने के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा के तट पर इस घाट पर शवों को जलाया जाता है और साथ ही कई लोग शवों को दफना भी देते हैं.

प्रयागराज में हैं ऐसे दो घाटवहीं, घाट के पास स्थित एक मंदिर के पुजारी महादेव का कहना है कि पहले यहां के लोग शवों को गंगा में प्रवाहित कर देते थे, उसके बाद कई लोग शवों को दफनाते हैं, तो कई जलाते हैं. आपको बता दें कि प्रयागराज में कुल दो ऐसे घाट हैं, जहां पर शवों को जलाया जाता था और साथ में दफनाया भी जाता था. पहला, फाफामऊ श्मशान घाट और दूसरा, श्रृंगवेरपुर घाट. कोरोना की दूसरी लहर में प्रशासन की सख्ती के बाद से श्रृंगवेरपुर घाट में अब शवों को दफनाया नहीं जाता है.
रेत में शव दफनाने से प्रशासन करता है मनाश्रृंगवेरपुर घाट पर मौजूद राहुल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रशासन ने सख्ती दिखाई और यहां पर शवों के दफनाने पर रोक लगा दी. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरल वीडियो और फोटो के सच के बारे में श्रृंगवेरपुर घाट के मंदिर के पुजारी गंगा सागर पांडा का कहना है कि 10 दशकों पहले से यह बात चली आ रही है कि कई लोग शव को दफनाते हैं. प्रयागराज जिले के डीएम संजय खत्री से जब वायरल वीडियो और फोटो के बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि यहां पर कई लोग शवों को दफनाते हैं. हालांकि प्रशासन की ओर से कोशिश होती है कि शवों को रेत में कोई ना दफनाए, जिसकी वजह से अनेक विकास कार्य भी किए जा रहे हैं.

प्रयागराज जिले के सबसे बड़े श्मशान घाट फाफामऊ और श्रृंगवेरपुर घाट की पड़ताल करने के बाद यह साफ हो जाता है कि वायरल वीडियो और फोटो केवल योगी सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा था क्योंकि इन स्थानों पर शवों को दफनाने की परंपरा सालों पुरानी है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Coronavirus, PrayagrajFIRST PUBLISHED : May 21, 2022, 20:03 IST



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