Last Updated:June 30, 2025, 23:38 ISTAyodhya News in Hindi : अयोध्या में करीब 10000 मठ-मंदिर हैं. हर मठ-मंदिर में राम और जानकी की पूजा होती है, लेकिन इसी अयोध्या में राम के जीवन से जुड़ी एक ऐसी जगह भी है जिसके बारे में कम लोग जानते हैं. अयोध्या. यूपी के अयोध्या का नाम आते ही मन में प्रभु राम की तस्वीर उभरती होगी, जहां प्रभु बाल लीलाएं किया करते थे. भगवान की स्मृतियों को समेटे हुए अयोध्या में कई ऐसे दर्शनीय स्थल आज भी हैं, जो अपने आप में अद्भुत हैं. मंदिर और मूर्तियों की नगरी अयोध्या पूरे विश्व में प्रभु राम के जन्मस्थान के रूप में पहचानी जाती रही है. अयोध्या में करीब 10000 मठ-मंदिर हैं. प्रत्येक मठ-मंदिर में प्रभु राम और माता जानकी की उपासना होती है, लेकिन इसी अयोध्या में प्रभु राम के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी जगहें जो आज भी त्रेतायुग का अहसास कराती हैं. ऐसा ही एक जगह है, जहां प्रभु राम लंका विजय करने के बाद अपने परमधाम गए थे. आइये जानते हैं कि प्रभु राम कहां से अपने परमधाम गए थे और वह जगह कहां है.मुक्ति पाने की इच्छा
अयोध्या में एक स्थान गुप्तार घाट है. धार्मिक मान्यता है कि जब प्रभु राम अपने धाम को जाने लगे तो वह सरयू नदी के तट पर स्थित गुप्तार घाट से ही गए थे. इस बात की पुष्टि रामायण में भी मिलती है. गुप्तार घाट पर कई छोटे-छोटे मंदिर हैं, जिनके दर्शन से ही भक्तों को आनंद की प्राप्ति होती है. इस दिव्य स्थल पर श्रद्धालु मुक्ति पाने की इच्छा लेकर भी आते हैं. अयोध्या आने वाले श्रद्धालु यहां हरियाली का आनंद लेते हैं और सरयू में स्नान कर पुण्य भी अर्जित करते हैं.
सरयू के किनारे गुप्तार घाट पर कई छोटे-छोटे मंदिरों के साथ यहां का सुंदर दृश्य मनमोह लेने वाला बनाया गया है. कहा जाता है कि 19वीं सदी में राजा दर्शन सिंह ने गुप्तार घाट का नवनिर्माण करवाया था. इस स्थान पर राम जानकी मंदिर, पुराने चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर और हनुमान मंदिर हैं. जगन्नाथ मंदिर के महंत राघव दास बताते हैं कि प्रभु राम जहां से अपने धाम को गए, वह स्थल बहुत ही पवित्र और पूजनीय है. यहां दर्शन मात्र से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है.Location :Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradeshhomedharmयहीं पले, यहीं बढ़े लेकिन कहां से गए परमधाम? प्रभु राम ने इसी जगह छोड़ी दुनिया