Uttar Pradesh

यहां सैकड़ों सालों से बनती आ रही हैं कान्हा की प्रतिमाएं, जमकर होती है बिक्री, पहले से ही आने लगते हैं ऑर्डर

रिपोर्ट- सत्यम कटियार

फर्रुखाबाद: देशभर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी को लेकर फर्रुखाबाद में भी पीतल का कार्य करने वाले कारीगरों ने कान्हा के विभिन्न स्वरूपों की प्रतिमाएं तैयार की है. जिनमें कान्हा जी की सबसे छोटी से लेकर सबसे बड़ी प्रतिमा को ऑर्डर पर यहां के कारीगरों ने बेहद कुशलता के साथ सुंदर बनाया है. बाजार में पहुंचते ही हर किसी को पसंद आ रही हैं और जमकर बिक्री भी हो रही है.

सभी कीमतों के लिए ऑर्डरकारीगर दुकानदार बताते हैं कि यहां पर आर्डर काफी पहले ही मिलने लगते हैं. मुख्य रूप से वह प्रतिमा को वजन के अनुसार ही बनाते हैं. सबसे कम रेट पर 150 रुपए और अधिकतम वह चार से पांच हजार रूपए तक की प्रतिमा तैयार कर देते हैं. इन प्रतिमाओं को बनाने में मुख्य रूप से पीतल का इस्तेमाल किया जाता है. यह जो प्रतिमाएं तैयार की जाती हैं यह कान्हा जी के बाल गोपाल के स्वरूप की होती हैं. इनकी सर्वाधिक डिमांड श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर अधिक रहती है. अगर आप भी करना चाहते हैं कान्हा की प्रतिमा की खरीदारी तो आप घूमना गली कूंचा, कमालगंज, फतेहगढ़ की दुकानों पर सही कीमतों पर खरीदारी कर सकते हैं.

पीतल का बनता है सामानपीतल की कारीगरी में बहुत अधिक श्रम लगता है. जिस प्रकार पीतल को उच्च तापमान में पिघलाने के बाद सांचों की सहायता से इसे आकर दिया जाता है. इसके बाद उसमें से निकालने के लिए छोटे-छोटे उपकरणों से डिजाइन बनाई जाती है. जिसमें सफाई और मजबूती का विशेष ध्यान रखा जाता है. तब जाकर यह एक सामान बनता है जिसमें परातें, सिंहासन, बटुआ, त्रिशूल, बर्तन, बेला, जल पात्र, ग्लास और विभिन्न प्रकार की प्रतिमाएं, कडा, संदूक और अन्य सामान ऑर्डर देने पर बनाया जाता है. इन सामानों की मांग हर समय बनी रहती है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 20:49 IST

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