सनन्दन उपाध्याय/बलियाः जनपद के गुरुद्वारा रोड में बने चमत्कारिक हनुमान मंदिर पूरे क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आस्था का प्रमुख केंद्र है. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. मंदिर से जुड़ी मान्यताओं को लेकर यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं. यहां हर मंगलवार व शनिवार को हनुमान जी का भव्य श्रृंगार होता है. जिसके दौरान श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ता है. महावीर झंडा जुलूस का भी यहीं से शुरुआत होता है.इस मंदिर के निर्माण की कहानी भी काफी दिलचस्प है. मंदिर के निर्माण में अहम योगदान देने वाले परिवार के सूर्य प्रकाश अग्रवाल उर्फ मुन्ना बाबू 80 वर्षीय बताते हैं कि दो बार यह बलिया गंगा में विलीन हो गया. यह तीसरा बलिया है. इस मंदिर को पुनः बनाने की तैयारी हुई तो यहां के नीव में से संवत 1321, सन 1907 इत्यादि के ईंटे मिले. इससे अंदाजा लगाया जाता है कि यह मंदिर प्रथम बलिया से भी पहले का था.चमत्कार के बारे में बताते हुए रो पड़े श्रद्धालुबताया जाता है कि इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा का स्वरूप बदलता रहता है. स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि आए दिन इस क्षेत्र में कोई न कोई चमत्कार होता रहता है. श्रद्धालु अरुण अग्रवाल तो हनुमान जी के चमत्कार को बताते हुए रो पड़े. यहीं नहीं उनके रोंगटे भी खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि आज मैं अपने परिवार को देख पा रहा हूं. इस धरती पर हूं तो केवल हनुमान जी की कृपा है. नहीं तो ट्रेन से गिरकर कौन बच पाता हैं. मुझे पूरा अहसास हुआ कि मुझे हनुमान जी ने बचाया है. तमाम ऐसे श्रद्धालु मिले जिन्होंने अपने जीवन को मंदिर के चमत्कार से जोड़ दिया.यहां के पुजारी थे मैनेजरपहले इस मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय थे. बलिया में स्थित इस मंदिर के स्थानीय लोगों के आग्रह पर उन्होंने यहां पूजा अर्चना करने के निवेदन को स्वीकार कर लिया. तबसे अब तक इस मंदिर में पूजा याचना करने का काम करते हैं..FIRST PUBLISHED : July 16, 2023, 14:19 IST



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