शराब या नशे की लत न सिर्फ व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उसके परिवार और सामाजिक जीवन को भी बर्बाद कर सकती है. जहां एक तरफ रिहैब सेंटर में इलाज के तरीके मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय आयुर्वेद में भी नशे की लत छुड़ाने के लिए कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं. इन्हीं में से एक है पातालगरुड़ी. यह एक औषधीय पौधा, जिसे जलजमनी या छरहटा जैसे नामों से भी जाना जाता है. यह पौधा पारंपरिक चिकित्सा में मानसिक और शारीरिक समस्याओं से राहत दिलाने के लिए वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है.
पातालगरुड़ी खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद मानी जाती है जो शराब या भांग जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं. इसमें रिसर्पिन नामक सक्रिय यौगिक पाया जाता है, जो मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव कम करता है. अक्सर देखा गया है कि नशे की लत मानसिक तनाव या चिंता से जुड़ी होती है. ऐसे में यह औषधि डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करके नशे की इच्छा को कम करती है,
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नींद को प्रमोट करता है
नशा करने वालों में अनिद्रा की समस्या आम होती है. पातालगरुड़ी में मौजूद सेडेटिव गुण नींद को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. अच्छी नींद से मानसिक संतुलन बना रहता है और व्यक्ति नशे की तरफ कम आकर्षित होता है.
बॉडी को डिटॉक्स करता है
इसके अलावा, ये पौधा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है और लिवर की कार्यक्षमता को सुधारता है, जो कि शराब के अत्यधिक सेवन से प्रभावित होता है.
स्ट्रेस को कम करने में मददगार
इस पौधे का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह चिड़चिड़ापन, बेचैनी और तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक लक्षणों को भी कम करता है, जिससे नशे से बाहर आने की प्रक्रिया थोड़ी आसान हो जाती है.
कैसे करें सेवन
पातालगरुड़ी के पत्ते और जड़ में औषधीय गुण होते हैं. लेकिन इसका सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. गलत मात्रा में सेवन करने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसलिए इसका उपयोग सोच-समझकर और विशेषज्ञ की निगरानी में ही करना चाहिए.
-एजेंसी-
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.