रंगेश सिंह
सोनभद्र. उत्तर प्रदेश के सोनभद्र (Sonbhadra) में म्योरपुर ब्लाक के बभनडीहा गांव में दशहरा के दौरान अनोखा मामला प्रकाश में सामने आया है. हर वर्ष लोग रावण रूपी बुराई का पुतला दहन कर अच्छाई का संदेश देते हैं. लेकिन बभनडीहा गांव में आदिवासी समुदाय के लोगों ने रावण (Ravana) का पुतला जलाने का विरोध कर दिया और रावण की पूजा की. पूजन में शामिल लोगों ने बताया कि रावण महाज्ञानी और विद्वान थे. वह हमारे पूर्वज थे. हर वर्ष किसी ज्ञानी को जलाया जाना उचित नहीं है.
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर रावण दहन की परंपरा को रोकने की मांग की गई है. सोनभद्र के आदिवासी परिवार भी अब जागरूक हो रहे हैं.
दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था. इस दिन लोग उत्सव मनाते हैं. धूमधाम से रावण का पुतला जलाते हैं. बभनडीहा के आदिवासी परिवारों की सोच इससे भिन्न है. दशहरा पर जब एक तरफ पूरे देश में लोग रावण को बुराई का प्रतीक बताकर पुतला जला रहे थे, तब सोनभद्र के आदिवासी परिवार रावण की पूजा में लीन रहे.
म्योरपुर ब्लॉक के बभनडीहा गांव में आदिवासी परिवारों ने रावण और महिषासुर की विधि-विधान से पूजा की. उन्हें अपना पूर्वज बताते हुए आदिवासी परिवारों ने रावण का पुतला जलाने की परंपरा का भी विरोध किया. कार्यक्रम के लंकेश के खूब जयकारे भी लगे.
वहीं इस तरह के मामले में अन्य समाज के लोगों का मानना है कि ये बुराई पर अच्छाई के जीत का पर्व है. पुतला बुराई का बनता और दहन होता है और सभ्य समाज मे जो बुराईयां आती हैं, उसको दूर करने की परंपरा हर वर्ष निभाया जाता है. हिंदुओं के आस्था पर इस तरह की घटना शर्मनाक है. हमारी संस्कृति सनातन धर्म की है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
Source link
Retired NASCAR Driver Greg Biffle, Family Among 7 Killed in North Carolina Plane Crash
Statesville: A business jet crashed Thursday while trying to return to a North Carolina airport shortly after takeoff,…

