जब घर में कोई सदस्य सिगरेट या बीड़ी पीता है, तो उसका धुआं सिर्फ उसी तक सीमित नहीं रहता, बल्कि घर के बाकी लोगों की सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है. यही पैसिव स्मोकिंग कहलाता है यानी वो धुआं जो कोई दूसरा व्यक्ति सांस के जरिए अपने शरीर में ले रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह बच्चों और महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक साबित होता है.
आकाश हेल्थकेयर के रेस्पिरेट्री और स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट और हेड डॉ. अक्षय बुधराजा बताते हैं कि पैसिव स्मोकिंग बच्चों के फेफड़ों के विकास को प्रभावित करता है. यह बार-बार खांसी, सर्दी, अस्थमा और निमोनिया जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है. छोटे बच्चों में ब्रेन डेवेलपमेंट भी धीमा हो सकता है और उनकी इम्यूनिटी कमजोर पड़ जाती है.
महिलाओं की सेहत पर खतराडॉ. बुधराजा कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए पैसिव स्मोकिंग किसी जहर से कम नहीं है. इससे गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी और नवजात शिशु का वजन कम होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. धुएं में मौजूद हानिकारक केमिकल्स महिला हार्मोनल सिस्टम को भी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित होना, फर्टिलिटी पर असर और थाइरॉइड असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
घर के भीतर धूम्रपान क्यों है खतरनाक?इनडोर स्मोकिंग से निकोटीन और टॉक्सिन्स न केवल सांस से शरीर में जाते हैं, बल्कि दीवारों, परदों, कपड़ों और फर्नीचर में भी बस जाते हैं. इसे थर्ड हैंड स्मोक कहा जाता है, जो लंबे समय तक घर के वातावरण को जहरीला बनाए रखता है.
रोकथाम ही समाधानडॉक्टर की सलाह है कि घर के किसी हिस्से में धूम्रपान बिल्कुल नहीं होना चाहिए. अगर परिवार का कोई सदस्य धूम्रपान करता है, तो उसे यह समझाना जरूरी है कि उसके एक आदत की वजह से पूरे घर की सेहत खतरे में है. खासकर बच्चों और महिलाओं को इससे दूर रखना बेहद जरूरी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.