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World kidney cancer day why it is becoming a silent killer know risk factors and early symptoms | World Kidney Cancer Day: किडनी कैंसर क्यों बन रहा है एक साइलेंट किलर? जानें रिस्क फैक्टर्स और शुरुआती संकेत



World Kidney Cancer Day: हर साल जून के तीसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी कैंसर डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस घातक लेकिन अक्सर अनदेखे जाने वाले रोग के प्रति जागरूकता फैलाना होता है. भारत समेत दुनिया भर में किडनी कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है और चिंता की बात यह है कि यह बीमारी तब तक पकड़ में नहीं आती जब तक वह गंभीर स्टेज में न पहुंच जाए. यही वजह है कि विशेषज्ञ इसे ‘साइलेंट किलर’ कहने लगे हैं.
किडनी कैंसर तब होता है जब किडनी की सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर बना लेती हैं. यह ट्यूमर धीरे-धीरे आस-पास के अंगों या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है. सबसे आम प्रकार का किडनी कैंसर रिनल सेल कार्सिनोमा (RCC) है, जो वयस्कों में सबसे ज्यादा देखा जाता है.
किडनी कैंसर क्यों है खामोश हत्यारा?किडनी कैंसर की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शुरुआती स्टेज में इसके कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते. कई बार मरीज को तब तक पता ही नहीं चलता जब तक ट्यूमर बड़ा न हो जाए या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल न जाए. इसके लक्षण जैसे थकान, वजन कम होना, या हल्का दर्द आमतौर पर दूसरी सामान्य बीमारियों से जुड़े होते हैं, जिससे मरीज और कई बार डॉक्टर भी इसे गंभीरता से नहीं लेते.
किडनी कैंसर के रिस्क फैक्टर्स* धूम्रपान: तंबाकू का सेवन किडनी कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. धूम्रपान करने वालों में इसका जोखिम 50% तक बढ़ जाता है.* मोटापा और हाई बीपी: मोटापे से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे किडनी सेल्स पर असर पड़ता है. वहीं हाई ब्लड प्रेशर भी किडनी को नुकसान पहुंचाता है.* जेनेटिक फैक्टर: अगर परिवार में किसी को किडनी कैंसर रहा हो, तो इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है.* लंबे समय तक पेनकिलर्स का सेवन: कुछ दवाएं, खासकर बिना डॉक्टरी सलाह के ली गईं पेनकिलर्स, किडनी के काम को प्रभावित करती हैं और कैंसर का कारण बन सकती हैं.
किडनी कैंसर के शुरुआती लक्षण* पेशाब में खून आना* पीठ के निचले हिस्से या साइड में लगातार दर्द* थकान और कमजोरी महसूस होना* बिना वजह वजन कम होना* एक तरफ पेट में सूजन या गांठ महसूस होनाविशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट या किडनी विशेषज्ञ से जांच कराना चाहिए.
कैसे करें बचाव?* स्मोकिंग छोड़ें* हेल्दी और बैलेंस डाइट लें* वजन को कंट्रोल में रखें और नियमित व्यायाम करें* ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें* हर साल हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर अगर फैमिली हिस्ट्री हो
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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