World Heart Day 2023: भारत में हर साल लगभग 5 से 10 लाख लोगों की अचानक दिल धड़कना बंद कर देना यानी कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो जाती है, जो सभी मौतों में से लगभग 10% है. जबकि अचानक दिल की गति रुकना (sudden cardiac arrest) सभी उम्र के लोगों में हो सकता है (यह मुख्य रूप से वयस्कों में होता है) विशेष रूप से दिल की बीमारी वाले लोगों में.
दिल की गति रुकने से पहले कभी-कभी कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में पिछले 24 घंटों में कुछ लक्षण समझ में आते हैं. इनमें सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन बढ़ जाना, चक्कर आना, बेहोशी, पसीना आना और बेचैनी शामिल हैं. यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.क्या है मुख्य फैक्टर?दिल की गति रुकने का सबसे बड़ा जोखिम फैक्टर एक कमजोर दिल है, जिसे चिकित्सकीय रूप से LV सिस्टोलिक डिसफंक्शन कहा जाता है. अन्य रिस्क फैक्टर में हाई ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा और अनहेल्दी लाइफस्टाइल शामिल है.य इन रिस्क फैक्टर को पहचानना और नियंत्रित करना दिल को स्वस्थ रखने का आधार है.
कौन सी समस्याएं अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती हैं?
दिल की बीमारीअचानक कार्डियक अरेस्ट का सबसे आम कारण दिल की बीमारी है. दिल की बीमारी के कुछ प्रकार नीचे बताए गए हैं, जो अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं.एट्रियल फिब्रिलेशन: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है.हार्ट अटैक: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल को खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है.हार्ट वाल्व समस्याएं: ये समस्याएं दिल को खून को प्रभावी ढंग से पंप करने से रोक सकती हैं.दिल की गति रुकना: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की धड़कना बंद कर देता है.
अन्य स्वास्थ्य समस्याएंहाई ब्लड प्रेशर: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नसों में खून का बहुत अधिक दबाव होता है.अनियंत्रित डायबिटीज: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें खून में बहुत अधिक शुगर होता है.एरिथमिया: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है.फैटी लिवर: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर में बहुत अधिक फैट होता है.नशीली दवाओं और शराब का उपयोग: नशीली दवाओं और शराब का उपयोग अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है.
क्या अचानक कार्डियक अरेस्ट को रोकने के लिए क्या करें?- अपने दिल को स्वस्थ रखें.- दिल की बीमारी के रिस्क फैक्टर को कम करें.- नियमित रूप से व्यायाम करें.- स्वस्थ आहार खाएं.- धूम्रपान न करें.- अपने वजन को नियंत्रित रखें.

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