Plastic Water bottle in the car: पानी पीने के बाद हम में से काफी लोग प्लास्टिक की पानी की बोतलें अपनी कारों के अंदर छोड़ देते हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये कॉमन आदत आपकी सेहत पर कहर बरपा सकती है और बेहद खतरनाक भी है. गर्म कार में छोड़े गए वाटर बॉटल्स केमिकल रिसाव के कारण संभावित तौर पर किसी की हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती हैं, खासकर जब प्लास्टिक हाई टेम्प्रेचर में एक्सपोज होता है.
कार में न छोड़े प्लास्टिक की बोतलडॉ. मंजुषा अग्रवाल (Dr Manjusha Agarwal) ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “तेज धूप में कार के अंदर प्लास्टिक की पानी की बोतलें छोड़ना एक आम आदत है और ये खतरनाक हो सकता हैय जब प्लास्टिक की बोतलें ज्यादा तापमान के संपर्क में आती हैं, खासकर बंद व्हीकल्स के अंदर, तो वे बिस्फेनॉल ए (BPA) और एंटीमनी जैसे हार्मफुल केमिकल को पानी में छोड़ सकती हैं. ये पदार्थ हार्मोनल इम्बैलेंस पैदा करते हैं और लंबे समय तक संपर्क में रहने पर कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं.”
प्लास्टिक में खतरनाक केमिकलडॉ. रितुजा उगलेमुगले (Dr. Rituja Ugalmugle) ने इंडियन एक्सप्रेस कहा, “ज्यादातर प्लास्टिक की बोतलों में पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट (PET) होता है, जो गर्मी के दबाव में एंटीमनी और बिस्फेनॉल ए (BPA) जैसे खतरनाक रसायनों को पानी में छोड़ देगा.”
इन बीमारियों का रिस्कडॉ. उगलेमुगले ने जोर देकर कहा कि कम मात्रा में भी, बार-बार संपर्क में आने से लॉन्ग टर्म हेल्थ इफेक्ट्स पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, “बीपीए एक मिसाल है, एक एंडोक्राइन डिसरप्टर जिसमें हार्मोन फंक्शन में रुकावट पैदा करने की क्षमता होती है, संभावित रूप से मेटाबॉलिज्म और कार्डियोवेस्कुलर स्टेटस को प्रभावित करता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस के जोखिम को बढ़ाता है. एंटीमनी, एक मेटालॉइड, कुछ रिसर्च में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इरिटेशन के साथ-साथ लंबे वक्त तक संपर्क में रहने पर ऑर्गन टॉक्सिसिटी का कारण भी बताया गया है.”
माइक्रोप्लास्टिक रिलीज होगाइसके अलावा डॉ. मंजुषा ने कहा कि जब बोतल कार के अंदर हीट होता है तो इससे माइक्रोप्लास्टिक रिलीज होते हैं जो शरीर के अंदर मौजूद ऑर्गन में फैल जाते हैं, जिससे सूजन और लॉन्ग टर्म इफेक्ट हो सकता है. इस बात से हम वाकिफ हैं कि माइक्रोप्लास्टिक से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
आपको क्या करना चाहिए?सबसे जरूरी है कि आप प्लास्टिक बोलत का कम से कम .या न के बराबर इस्तेमाल करें. इसकी जगह स्टेनलेस स्टील, कांच, बांस, लकड़ी या मिट्टी के बोलत का इस्तेमाल करें इससे आपकी सेहत और एनवायरनमेंट दोनों को सेफ्टी हासिल होगी.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.