What is Oral Tolerance: इरायली साइंटिस्ट के एक नए रिसर्च में एक खास सेल्स का पता लगाता गया है, जो खाना पचाने और शरीर को नुकसान से बचाने में मदद करती है. न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, वाइजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (डब्ल्यूआईएस) के रिसर्चर्स की इस खोज से यह समझने में मदद मिलेगी कि हमारा शरीर खाने कोहार्मलेस क्यों मानता है और उस पर हमला क्यों नहीं करता. इसे ‘ओरल टॉलरेंस’ कहते हैं.
इंफ्लेमेशन और डिफेंस सिस्टम को इंफेक्शन से लड़ने में मदद यह क्रिटिकल सिस्टम डेली रूटीन के फूड आइटम्स से इंफ्लेमेशन पैदा होने से रोकती है और डिफेंस सिस्टम को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है. यह नई खोज खाने से होने वाली एलर्जी, सेंसिटिविटी और सीलिएक रोग जैसी बीमारियों के लिए नए इलाज ढूंढने में मदद कर सकती है. इस सिस्टम के काम करने के तरीके को समझने के बाद साइंटिस्ट को उम्मीद है कि जब शरीर गलती से खाने पर हमला करता है तो क्या गड़बड़ी हो जाती है.
इम्यून सिस्टम इस थ्योरी पर काम करता हैवाइजमैन के सिस्टम इम्यूनोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. रानित केदमी ने कहा, “हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) भी कुछ इस तरह के थ्योरी पर काम करता है, जैसे कि अगर कोई हमलावर सीमा पार से गोली चलाता है, तो शांति समझौतों के बावजूद उसे तुरंत बेअसर कर दिया जाएगा.”
ओरल टॉलरेंसलंबे समय तक, साइंटिस्ट का मानना था कि डेंड्राइटिक सेल्स नाम के कुछ इम्यून सेल्स ‘ओरल टॉलरेंस’ के लिए जिम्मेदार होती हैं. हालांकि, जब जानवरों पर किए गए स्टडी में इन सेल्स को हटा दिया गया, तब भी शरीर खाने को सहन कर लेता था. अब, डब्ल्यूआईएस के रिसर्चर्स ने नेचर मैगजीन में पब्लिस्ड एक स्टडी में, इम्यून सेल्स के एक अन्य समूह की पहचान की है, जिन्हें आरओआर-गामा-टी सेल्स कहा जाता है, और जो इस प्रेसेस के वास्तविक चालक हैं.
रेयर सेलये रेयर सेल चार अलग-अलग तरह की सेल्स को सम्मिलित करते हुए एक चेन रिएक्शन शुरू करती हैं, जो अंततः शरीर की हमलावर सेल्स, जिन्हें सीडी8 सेल्स कहते हैं, को खाने के प्रति प्रतिक्रिया करने से रोकती हैं.
सिस्टम फेल होने पर क्या होता हैजब यह सिस्टम फेल हो जाती है, तो इससे फूड एलर्जी, सेंसिटिविटी या बीमारियां हो सकती हैं, जहां शरीर का डिफेंस सिस्टम गलती से फूड प्रोटीन, जैसे ग्लूटेन पर हमला करता है. रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि इंफेक्शन के दौरान, इम्यून सिस्टम के माइक्रो ऑर्गेनिज्म से लड़ने के लिए ‘फूड टॉलरेंस’ को अस्थायी रूप से दरकिनार कर सकती है.
बाहरी पदार्थों के हमले से क्या होता हैकेडमी ने बताया, “जाहिर है, इम्यून सिस्टम में श्रम का विभाजन पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा है. ऐसा नहीं है कि डेंड्राइटिक सेल्स हमेशा यह तय करती हैं कि बाहरी पदार्थों पर हमला करना है या नहीं. बल्कि, कुछ बिलकुल अलग तरह की और खास सेल्स होती हैं, जिनका काम एक ऐसी व्यवस्था शुरू करना है जिससे हम खाना सुरक्षित रूप से खा सकें.”– आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.