हमारे बुजुर्गों ने हमेशा कहा है कि भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे कारण क्या है? आयुर्वेद, जो कि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, इसका स्पष्ट उत्तर देता है.
“अजीर्णे भेषजं वारि, जीर्णे वारि बलप्रदम। भोजने चाऽमृतम् वारि, भोजनान्तें विषप्रदम।।” इसका अर्थ है कि जब अपच की स्थिति हो तब पानी औषधि की तरह काम करता है, भोजन पचने के बाद पानी शरीर को बल देता है, भोजन करते समय पानी अमृत के समान होता है, लेकिन भोजन के तुरंत बाद पानी पीना जहर के समान प्रभाव डालता है.
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क्या कहता है आयुर्वेद?
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के करीब एक घंटे बाद तक जठराग्नि जो भूख लगने का संकेत देती है और डाइजेशन में मदद करती है, सक्रिय रहती है. और इसी समय शरीर भोजन से पोषण ग्रहण करता है. यदि इस समय हम ठंडा पानी पी लेते हैं, तो यह जठराग्नि ठंडी पड़ जाती है और पाचन की प्रक्रिया बाधित हो जाती है. जिससे भोजन सही से नहीं पचता, जिससे गैस, अपच, एसिडिटी और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
भोजन के दौरान क्यों फायदेमंद है पानी?
भोजन करते समय थोड़े-थोड़े घूंट पानी पीना पाचन में सहायक माना गया है. यह भोजन को मुलायम करता है और निगलने में आसानी होती है. साथ ही, यह लार के साथ मिलकर भोजन को पचाने में सहायता करता है. इसलिए इस समय पानी पीना अमृत के समान माना जाता है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहता है?
आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि भोजन के तुरंत बाद पानी पीना पाचन रसों को पतला कर देता है, जिससे वे प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पाते. इससे न केवल भोजन के पोषक तत्व कम अवशोषित होते हैं बल्कि पाचन क्रिया भी धीमी हो जाती है.
सही समय क्या है पानी पीने का?
विशेषज्ञों की मानें तो भोजन के कम से कम 30 से 45 मिनट बाद पानी पीना चाहिए. यदि बहुत प्यास लगी हो तो भोजन के दौरान एक-दो घूंट पानी पी सकते हैं.
-एजेंसी-
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)