Why do men have more heart attacks than women Hormones habits cardiologist told what is real reason | Explainer: महिलाओं की तुलना पुरुषों को हार्ट अटैक ज्यादा क्यों होते हैं? हार्मोन्स या हैबिट्स कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया क्या है असली वजह

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Why do men have more heart attacks than women Hormones habits cardiologist told what is real reason | Explainer: महिलाओं की तुलना पुरुषों को हार्ट अटैक ज्यादा क्यों होते हैं? हार्मोन्स या हैबिट्स कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया क्या है असली वजह



दिल आपकी बॉडी का सेंट्रल ऑर्गन होता है. इसका काम शरीर के कोने-कोने में पर्याप्त और लगातार ऑक्सीजन वाले खून की सप्लाई करना है. ताकि सभी ऑर्गन और सेंसेस ठीक तरह से अपना काम कर सके और जिससे आप अपनी शरीर की क्षमताओं को बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सके. इसलिए दिल का स्वस्थ रहना और सही तरीके से काम करना जरूरी है. लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के कारण होती हैं. जिसमें सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले होते हैं.  
वैसे तो पुरुष और महिलाएं दोनों में इसका जोखिम होता है. पर पुरुषों में हार्ट डिजीज का खतरा न सिर्फ ज्यादा होता है बल्कि यह उन्हें कम उम्र में ही घेर लेती है. डॉक्टर संजीव चौधरी जो गुरुग्राम स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन हैं, बताते हैं कि पुरुषों में हार्ट डिजीज की संभावना कुछ जैविक, व्यवहारिक और सामाजिक कारणों से ज्यादा होती है. हालांकि इस रिस्क को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. इसे बचाव और यदि किसी को हार्ट डिजीज हो भी जाए तो उसके बाद क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं, यहां आप समझ सकते हैं. 
हार्ट डिजीज से पुरुषों में ज्यादा मौत
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2019 में हार्ट डिजीज के कारण दुनिया भर में 18.6 मिलियन मौतें हुईं, जिनमें से 9.6 मिलियन पुरुष और 8.9 मिलियन महिलाएं शामिल है. दिल की बीमारी से होने वाली पांच में से चार मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण होती हैं. इसमें एक तिहाई मौत प्रीमैच्योर एज यानी की 70 साल से कम आयु वाले लोगों में होती है. 

महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में हार्ट डिजीज होने का कारण
– महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा पुरुषों से ज्यादा होती है. वैसे तो यह हार्मोन रिप्रोडक्शन सिस्टम के फंक्शन के लिए काम करता है. लेकिन साथ ही साथ बोन और हार्ट हेल्थ को दुरुस्त रखने में भी इसका रोल होता है. जिसके कारण यह महिलाओं में हार्ट डिजीज के लो रिस्क से जुड़ा है. इसके ही वजह से महिलाओं में मेनोपॉज से पहले हार्ट डिजीज कम होता है.  – पुरुषों के शरीर में चर्बी सबसे ज्यादा पेट के आसपास जमा होती है, जिसे बैली फैट कहते हैं. जबकि महिलाओं में चर्बी का जमाव जांघों और कूल्हों में होता है जो कि कम खतरनाक होता है. पेट के पास जमी चर्बी मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़ी जिसके कारण दिल की कार्य करने की क्षमता घटने लगती है और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. 
– महिलाओं की तुलना में पुरुषों की लाइफस्टाइल की आदतें ज्यादा अनहेल्दी देखी जाती है. पुरुष धूम्रपान, शराब के सेवन से लेकर खानपान तक बहुत लापरवाह होते हैं, जिसके कारण भी उन्हें दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. 
– महिलाओं में स्ट्रेस मैनेजमेंट स्किल ज्यादा बेहतर होती है. खुलकर बात करने और रोने में शर्म न महसूस कर पाने की वजह से वह अपनी चिंताओं से जल्दी छुटकारा पा लेती हैं. लेकिन पुरुष तनाव के समय “फाइट ऑर फ्लाइट” मोड पर चले जाते हैं, जिससे दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. और ज्यादा स्ट्रेस बढ़ने पर हार्ट अटैक आने का खतरा होता है. 
हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री से बच सकते हैं?
डॉ. चौधरी बताते हैं कि यदि आपके परिवार में दिल की बीमारी है तो खतरा जरूर अन्य लोगों के मुकाबले आपके लिए बढ़ जाता है, लेकिन ऐसा होना पक्का नहीं होता है. इसलिए समय रहते सावधानी और सही जीवनशैली अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
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रोकथाम के उपाय
कार्डियोलॉजिस्ट बताते हैं कि हार्ट डिजीज से बचने के लिए या इसे बढ़ने से रोकने के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल को रेगुलर मॉनिटर करना जरूरी है. खासतौर पर पुरुषों 40 के साल के बाद हेल्थ टेस्ट को गंभीरता से लेना चाहिए. इसके अलावा हेल्दी डाइट और व्यायाम, धूम्रपान- शराब से दूरी, तनाव को मैनेज करना जरूरी होता है.
अगर दिल की बीमारी हो चुकी है तो क्या करें?
डॉ. चौधरी बताते हैं कि यदि व्यक्ति को हार्ट अटैक हो चुका है या आर्टरी में ब्लॉकेज है, तब भी देर नहीं हुई है. हेल्दी लाइफ जीने के लिए कार्डियक रिहैबिलिटेशन व्यायाम, डाइट और काउंसलिंग का विशेष प्रोग्राम ज्वाइन करें. इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाएं, डिप्रेशन और चिंता से निकलने के लिए इमोशनल सपोर्ट लें. एंजियोप्लास्टी, बाईपास सर्जरी, पेसमेकर जैसे ट्रीटमेंट विकल्पों को लेकर अपने डॉक्टर से परामर्श करें. 
इन संकेतों को हल्के में न लें
पुरुषों में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा इसलिए भी होते हैं, क्योंकि उनमें दर्द को अनदेखा करने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि मर्द को दर्द न होने वाली बात ने मर्दों जानलेवा आदतों को अपनाने और चीजों को नजरअंदाज करने पर पर मजबूर किया है. लेकिन आप यह गलती न करें और     सीने में दर्द या दबाव, सांस फूलना, अकारण थकान, चक्कर आना, जबड़े, पीठ या बाजू में दर्द  जैसे हार्ट अटैक के लक्षणों को गंभीरता से लें. 
हार्ट को मजबूत बनाने वाले फूड्स
हार्ट को मजबूत करने और बीमारियों से बचाने के लिए हेल्दी डाइट लेना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. आयुर्वेद में खाने को ही दवा बताया गया है. इसलिए सही और पर्याप्त खाने पर ध्यान दें. हेल्दी हार्ट के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, नट्स का सेवन ज्यादा करें. मेडिटेरेनियन डाइट या DASH डाइट अपना सकते हैं. इसके साथ ही लाल मांस, तला-भुना, शराब, चीनी और नमक का सेवन कम करें. 

इन गलतियों को बिल्कुल न करें
हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा फीजिकल वर्क और कम सोने से भी बढ़ता है. हालांकि फिटनेस को लेकर अेवयर रहना जिम और कसरत करना अच्छी बात है, लेकिन इसकी अधिकता मौत के करीब आपको पहुंचा सकती है. जल्दी मसल्स बनाने के लिए स्टेरॉयड या ज्यादा प्रोटीन पाउडर का सेवन भी दिल को कमजोर कर सकता है. ध्यान रखें आपको हेल्दी रहने के लिए हफ्ते में सिर्फ 150 मिनट मिडियम इंटेंसिटी वाले एक्सरसाइज करनी की जरूरत होती है. इसके साथ ही पर्याप्त नींद लें, ताकि आपकी बॉडी स्ट्रेस से रिकवर हो सके. रोजाना 7-8 घंटे की नींद हेल्दी हार्ट के लिए बहुत जरूरी है. 
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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