Why Dementia Takes Time to Diagnose: डिमेंशिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जो 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में आम है. हालांकि ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है. इस बीमारी में व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता और बातचीत पर असर पड़ता है. ये बीमारी अल्जाइमर जैसी होती है. डिमेंशिया को लेकर हुई एक नई स्टडी में पाया गया कि, डिमेंशिया की पहचान में लगभग 3.5 साल का समय लग जाता है. इस खबर हम आपको बताएंगे, कि इस बीमारी की पहचान में इतना समय क्यों लगता है?
डिमेंशिया को पहचानने में क्योंलगता है समय?
International Journal of Geriatric Psychiatry की एक नई स्टडी के अनुसार, डिमेंशिया के लक्षण दिखने के बाद इसकी पक्की पहचान में लगभग 3.5 साल का समय लग जाता है. वहीं कुछ मामलों में, जब मरीज की उम्र कम होती है, यानी Early Onset Dementia में तो यह देरी 4.1 साल तक पहुंच सकती है. इसके कई कारण हो सकते हैं.
डिमेंशिया के कोई एक टेस्ट नहीं हैMedical News Today की रिपोर्ट के मुताबिक डिमेंशिया को पहचानने के लिए कोई एक टेस्ट नहीं होता है. इस बीमारी के लक्षण बेहद आम होते हैं और बहुत धीरे-धीरे दिखते हैं. इसलिए अक्सर लोग इस बीमारी को दूसरी बीमारी जैसे स्ट्रेस, डिप्रेशन या बढ़ती उम्र दूसरी जोड़ देते हैं. इस बीमारी के लक्षणों को कई बार डॉक्टर भी नहीं पकड़ पाते हैं, जिसके कारण इस बीमारी की पहचान करने में ज्यादा समय लग जाता है.
शुरुआती लक्षणडिमेंशिया के शुरुआती लक्षण काफी आम होते हैं. इस बीमारी के कारण शुरुआत में बातों का भूलना, ध्यान न लगना या हल्की उलझन महसूस हो सकती है, जिसे आमतौर पर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं. परिवार वाले भी इन लक्षणों सो नॉर्मल या बढ़ती उम्र से जोड़ देते हैं. ऐसे में जब तक इस बीमारी के लक्षण गंभीर नहीं हो जाते हैं, तब तक ज्यादातर लोग डॉक्टर से सलाह नहीं लेते. इसके कारण भी इसकी पहचान करने में ज्यादा समय लग जाता है.
कम उम्र में ज्यादा देरी होती हैज्यादा उम्र से ज्यादा कम उम्र के मरीजों में इसकी पहचान में ज्यादा समय लग सकता है. अगर किसी व्यक्ति को कम उम्र में डिमेंशिया के लक्षण शुरू होते हैं, तो आमतौर पर डॉक्टर या परिवार वाले इसे पहचान नहीं पाते हैं. युवाओं में इस बीमारी को लेकर इतनी जागरूकता नहीं है, जिसके कारण लोग इस बीमारी को पहचानने में ज्यादा समय लगा देते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.