Uttar Pradesh

Why are scanners installed in every tree of Kanpur University, know secret behind it – News18 हिंदी



अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: यूं तो कानपुर का छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में शामिल हो चुका है. यहां की शिक्षा का स्तर लगातार उच्चतम स्तर पर पहुंच रहा है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में छात्र इस विश्वविद्यालय को पसंद कर रहे हैं. विश्वविद्यालय का कैंपस भी बेहद इको फ्रेंडली है. यहां पर हजारों विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं. अब यहां पर लगे पेड़-पौधे भी छात्र छात्राओं को शिक्षित करेंगे.

आप जब भी कानपुर विश्वविद्यालय जाएंगे तो वहां पर आपको हजारों हरे-भरे पेड़ देखने को मिल जाएंगे, लेकिन अब एक नई चीज इन पेड़ों में आपको देखने को मिलेगी. अब हर पेड़ में आपको एक स्कैनर लटका हुआ दिखाई देगा. आप सोच रहे होंगे कि स्कैनर के पीछे का क्या राज है, तो आज हम आपको बताएंगे आखिर क्यों विश्वविद्यालय के पेड़ों में यह स्कैनर लगाए गए हैं.

यह है पेड़ों में लगे स्कैनरों का राज

आमतौर पर कुछ ऐसे पेड़-पौधे होते हैं, जिनके बारे में हर कोई जानता है. लेकिन उनका इस्तेमाल किन-किन चीजों में किया जा सकता है, वह किस प्रजाति के हैं. वह कहां पर सबसे अधिक होते हैं, उन पर कौन सा फूल लगता है, उन पर कौन सा फल लगता है, उन पर कौन से कीटनाशक नुकसानदायक होते हैं और कौन-कौन सी बीमारियां उन पेड़ों में लग जाती हैं. उन पेड़ों का बायोलॉजिकल आइडेंटिटी क्या है यह सारी जानकारी अब यह स्कैनर देगा. इससे न सिर्फ लोगों को पेड़ों के बारे में जानकारी होगी. बल्कि उनकी जनरल नॉलेज में भी इजाफा होगा.

ढाई हजार पेड़ों में लगाए गए स्कैनर

कुलपति विनय कुमार पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय के लाइफ साइंस विभाग को इन पेड़ों में स्कैनर लगाने के निर्देश दिए गए थे, ताकि छात्र-छात्राओं के साथ ही यहां आने वाले अतिथियों को भी इन पेड़ पौधों की जानकारी मिल सके. जिसके बाद विभाग के शिक्षकों और बच्चों ने मिलकर विश्वविद्यालय के लगभग 2500 पेड़ों में यह स्कैनर लगाए हैं. फोन पर स्कैन करते ही यह स्कैनर पेड़ से जुड़ी सारी जानकारी आपको दे देगा. इतना ही नहीं कानपुर विश्वविद्यालय में लगभग 120 से अधिक प्रजाति के पेड़ हैं, जिन पर यह स्कैनर लगाए गए हैं.

जनरल नॉलेज में होगा इजाफा

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर विशाल शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय का कैंपस हरा भरा है. यहां पर लगे पेड़-पौधों को भी लोगों को शिक्षित करने का माध्यम बनाया गया है. अब भी कोई विश्वविद्यालय आएगा और वह इन पेड़ों पर लगे स्कैनरों को देखेगा तो उसके मन में जिज्ञासा होगी कि आखिर इसके पीछे क्या राज है और जब वह अपने फोन से इनको स्कैन करेगा. तब उसे हर पेड़ के के बारे में जानकारी मिलेगी कि किसके क्या फायदे हैं..
.Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 5, 2024, 20:53 IST



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