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Which cancer drug will be cheaper these medicines are used in breast cancer lung cancer and more | कौन सी कैंसर दवाएं होंगी सस्ती? जानिए किस तरह के Cancer में होता है इनका इस्तेमाल



कैंसर, एक ऐसा शब्द जो सुनते ही रूह कांप उठती है. यह बीमारी न केवल मरीज बल्कि पूरे परिवार को हिलाकर रख देती है. लेकिन अब इस बीमारी से लड़ने में एक बड़ी राहत मिलने वाली है. केंद्रीय सरकार ने बजट 2024 में कैंसर मरीजों को बड़ी राहत देते हुए तीन महत्वपूर्ण कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है. सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से कैंसर से जूझ रहे लाखों मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है.
जिन तीन दवाओं पर सीमा शुल्क माफ किया गया है, उनमें ट्रास्टुजुमाब डेरुक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवुलुमाब शामिल हैं. इन दवाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज में किया जाता है. आइए जानते हैं कि इन दवाओं का किस कैंसर थेरेपी में इस्तेमाल होता है.
1. ट्रास्टुजुमाब डेरुक्सटेकन: यह दवा मुख्य रूप से स्तन कैंसर के इलाज में उपयोग की जाती है. यह दवा कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोककर काम करती है.
2. ओसिमर्टिनिब: इस दवा का उपयोग फेफड़े के कैंसर के इलाज में किया जाता है. यह दवा कैंसर सेल्स में मौजूद एक विशेष प्रोटीन को निशाना बनाती है, जिससे कैंसर सेल्स का विकास रुक जाता है.
3. डुरवुलुमाब: इस दवा का उपयोग फेफड़े और पित्त नली के कैंसर के इलाज में किया जाता है. यह दवा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मदद करती है.
क्यों है यह निर्णय महत्वपूर्ण?कैंसर दवाएं ज्यादा महंगी होती हैं और कई मरीज इन दवाओं को खरीदने में असमर्थ होते हैं. सीमा शुल्क माफ करने से इन दवाओं की कीमत में कमी आएगी और ज्यादा से ज्यादा मरीजों तक इन दवाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी. यह निर्णय निश्चित रूप से कैंसर मरीजों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है.
उद्योग एक्सपर्ट की क्या राय?टीओआई की एक खबर के अनुसार, उद्योग विशेषज्ञों ने बताया कि यह छूट पूरी तरह से कैंसर दवाओं की श्रेणी या वर्ग तक नहीं बढ़ाई गई है और यह प्रत्येक शीशी/स्ट्रिप पर औसतन 18,000 रुपये का ‘मार्जिनल’ लाभ प्रदान करती है. बायोकॉन और बायोकॉन बायोलॉजिक्स की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि तीन कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क हटाने से कैंसर मरीजों को राहत मिलेगी. हालांकि, सरकार को सभी कैंसर दवाओं पर जीएसटी छूट पर विचार करने की जरूरत है ताकि कैंसर की देखभाल को और अधिक किफायती बनाया जा सके. वर्तमान में, मरीज 10% के सीमा शुल्क और 12% के जीएसटी के साथ दोहरी मार झेल रहे हैं, जिससे आयातित दवाओं की उपचार लागत में काफी वृद्धि हो रही है.



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