Lipid Profile Test For High Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल आजकल एक कॉम हेल्थ प्रॉब्लम बन चुकी है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है. कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जांच के लिए सबसे असरदार और कॉमन तरीका लिपिड प्रोफाइल टेस्ट है. ये एक ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में अलग-अलग तरह के लिपिड्स (फैट्स) के लेवल को मापता है. ये टेस्ट न सिर्फ हाई कोलेस्ट्रॉल का पता लगाता है, बल्कि दिल की सेहत का भी आकलन करने में भी मदद करता है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है और इससे एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) का लेवल कैसे मापा जाता है.
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है?लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक कॉम्प्रिहेंसिव ब्लड टेस्ट है, जो बॉडी में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को नापता है. इसमें कई कंपोनेंट्स की जांच की जाती है, जैसे:-
1. टोटल कोलेस्ट्रॉल: शरीर में मौजूद टोटल कोलेस्ट्रॉल का लेवल
2. एलडीएल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन): इसे “बैड कोलेस्ट्रॉल” भी कहा जाता है, क्योंकि इसका हाई लेवल नसों में प्लाक जमा होने का कारण बनता है.
3. एचडीएल (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन): इसे “गुड कोलेस्ट्रॉल” भी कहा जाता है, जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है.
4. ट्राइग्लिसराइड्स: ये एक दूसरे तरह का फैट है, जो ज्यादा होने पर दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है.
5. वीएलडीएल (वेरी लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन): ये भी कोलेस्ट्रॉल का एक टाइप है, जो ट्राइग्लिसराइड्स को ले जाता है.
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कैसे किया जाता है?ये टेस्ट आमतौर पर सुबह खाली पेट किया जाता है, क्योंकि खाने-पीने से रिजल्ट्स अफेक्ट हो सकते हैं. पेशेंट को 9-12 घंटे तक फास्टिंग करने की सलाह दी जाती है. एक छोटी सुई के जरिए ब्लड का सैंपल लिया जाता है, जिसे बाद में लैब में एनालाइज करने के लिए भेजा जाता है. टेस्ट के नतीजे कुछ घंटों या एक दिन में हासिल हो जाते हैं.
एलडीएल लेवल का पता कैसे लगता है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में एलडीएल लेवल का पता फ्रीडवाल्ड फॉर्मूला के बेस पर लगाया जाता है, जो इस तरह है:-
एलडीएल = टोटल कोलेस्ट्रॉल – एचडीएल – (ट्राइग्लिसराइड्स/5)
ये फॉर्मूला तब यूजफुल होता है, जब ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल 400 mg/dL से कम हो. अगर ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बहुत ज्यादा है, तो डायरेक्ट एलडीएल टेस्ट किया जा सकता है, जिसमें एलडीएल को सीधे नापा जाता है. आमतौर पर, एलडीएल का लेवल 100 mg/dL से कम होना चाहिए. 130 mg/dL से ज्यादा लेवल को हाई कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, जो दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ाता है.
क्यों जरूरी है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट?लिपिड प्रोफाइल टेस्ट हार्ट डिजीज के रिस्क को एनालाइज करने में अहम रोल अदा करता है. रेगुलर चेकअप से हाई कोलेस्ट्रॉल का वक्त पर पता लगाया जा सकता है, जिसे डाइट, एक्सरसाइज और दवाओं के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. 20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को साल में एक से दो बार में ये टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.