When there is such a change in the heartbeat it can be a sign of great danger | जब दिल की धड़कनों में आए ऐसी तब्दीली, तो आराम से न बैठें, बड़े खतरे का हो सकता है इशारा

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When there is such a change in the heartbeat it can be a sign of great danger | जब दिल की धड़कनों में आए ऐसी तब्दीली, तो आराम से न बैठें, बड़े खतरे का हो सकता है इशारा



Heart Rate: दिल की धड़कन हमारे शरीर का सबसे अहम इंडिकेटर है, जो न सिर्फ जिंदा होने का सबूत देती है, बल्कि सेहत का हाल भी बयां करती है. आमतौर पर एक एडल्ट इंसान की नॉर्मल हार्ट बीट 60 से 100 बीट प्रति मिनट होती है. लेकिन अगर इसमें अचानक तेजी (Palpitations), धीमापन (Bradycardia), या इरेगुलेरिटी (Arrhythmia) आ जाए, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. ऐसी तब्दीलियां कई बार सीरियस कार्डियोवेस्कुलर डिजीज का इशारा हो सकती हैं.
1. दिल की धड़कन का अचानक तेज़ हो जाना अगर बिना किसी मेहनत या इमोशनल स्ट्रेस के आपकी धड़कनें अचानक तेज चलने लगें, तो ये हार्ट की पावर सिस्टम में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. ये थायरॉइड की समस्या, एनीमिया या हार्ट अरेथमिया का लक्षण हो सकता है. लगातार ऐसा होना हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है.
2. दिल की धड़कन का बहुत धीमा पड़ जाना अगर आपकी हार्ट रेट 60 बीट प्रति मिनट से कम हो रही है और इसके साथ थकान, चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस हो रहा है, तो ये संकेत हो सकता है कि आपका दिल सही मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर रहा. ये इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी या दिल की मांसपेशियों में कमजोरी का नतीजा हो सकता है.
3. इरेगुलेर धड़कनें अगर आपकी धड़कन कभी बहुत तेज और कभी बहुत धीमी हो रही है, या असमान रूप से धड़क रही है, तो ये एट्रियल फाइब्रिलेशन (A-Fib) का लक्षण हो सकता है, जो स्ट्रोक और हार्ट फेलियर की आशंका को बढ़ा देता है.
4. छाती में कंपन या थरथराहट महसूस होनाकभी-कभी दिल की धड़कनों के साथ छाती में कंपन महसूस होना भी किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. खासकर अगर ये अचानक और बार-बार हो रहा हो.
क्या करें ऐसे में?
1. तुरंत ECG या होल्टर मॉनिटरिंग कराएं2. कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लें3. स्मोकिंग, शराब, और हद से ज्यादा कैफीन वाले ड्रिंक्स से बचें4. स्ट्रेस को कम करें और रेगुलर एक्सरसाइज करें
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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