Heatwave in India: दिल्ली, यूपी, एमपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में हीटवेव का कहर जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हीटवेव क्या है और इस दौरान हमें क्या काम करने चाहिए और किन कामों को करने से बचना चाहिए. अगर नहीं, तो हम आपको बता दें कि हीटवेव को आम भाषा में लू चलना कहते हैं. जिसमें किसी क्षेत्र का तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाता है और गर्म हवाएं चलने लगती हैं. आइए जानते हैं कि लू चलने के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
Heatwave Tips: लू चलने के दौरान क्या करें और क्या नहीं?जेपी हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर Dr. Vinay Labroo ने बताया कि लू चलना जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए आपको ये हेल्थ टिप्स जरूर अपनाने चाहिए. जैसे-
लू चलने पर क्या ना करें?
अगर संभव हो, तो दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर या धूप में जाने से बचें.
अगर संभव हो, तो धूप में ज्यादा शारीरिक मेहनत वाला काम करने से बचें. खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच.
शरीर को डिहाइड्रेट करने वाली शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसी चीजों का सेवन ना करें.
जरूरत से ज्यादा हाई प्रोटीन फूड का सेवन ना करें और बासी खाना ना खाएं.
बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में ना छोड़ें.
लू चलने पर क्या करें?
पर्याप्त पानी पीएं और इसके लिए प्यास लगने का इंतजार ना करें.
हल्के रंग और मटेरियल के ढीले कपड़े पहनें. इसके साथ धूप से बचने के लिए गॉगल्स, छाता, टोपी, जूते या चप्पल का इस्तेमाल करें.
सफर करने के दौरान अपने साथ पीने का पानी जरूर रखें.
धूप में काम करते हुए सिर, गर्दन, चेहरे और जोड़ों पर गीला कपड़ा रखने की कोशिश करें.
बीमार या बेहोश होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
ओआरएस, लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ जैसी चीजों का सेवन करके हाइड्रेट रहें.
जानवरों को छांव में रखें और पीने के लिए पर्याप्त पानी दें.
घर पर सनशेड, शटर, पर्दों से घर को ठंडा रखने की कोशिश करें और रात में खिड़कियां खोल लें.
लू लगने पर मरीज का इलाज कैसे करें?
एक्सपर्ट के मुताबिक, मरीज को छांव में किसी ठंडी जगह पर लिटाएं. शरीर को बार-बार पानी के कपड़े से पोछें. सिर पर सामान्य पानी डालें. ऐसे करके आपको मरीज का शारीरिक तापमान कम करना है.
मरीज को ओआरएस, नींबू पानी या चावल का पानी दें. जिससे शरीर दोबारा से हाइड्रेट हो सके.
मरीज को तुरंत पास के अस्पताल लेकर जाएं. क्योंकि लू लगने पर उसे तुरंत इलाज की जरूरत होती है, वरना जान भी जा सकती है.
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