अल्जाइमर रोग एक दिमागी डिसऑर्डर है, जो मेमोरी लॉस, सोचने में परेशानी और भाषा कठिनाइयों का कारण बनता है. यह दुनिया भर में मनोभ्रंश का सबसे आम कारण है. अल्जाइमर रोग के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ फैक्टर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है, जिसमें आहार भी शामिल है.
हाल ही में जर्नल ऑफ अल्जाइमर्स डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कुछ विशिष्ट आहार अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं. अध्ययन के अनुसार, पौधे आधारित आहार (जैसे कि मेडिटेरियन डाइट) और चीन, जापान और भारत के पारंपरिक व्यंजन अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए प्रभावी होते हैं.क्या फायदेमंद और क्या नुकसानअध्ययन में यह भी पाया गया कि कुछ फूड का सेवन अल्जाइमर रोग के खतरे को बढ़ा सकता है, जबकि अन्य फूड सुरक्षात्मक होते हैं. उदाहरण के लिए, लाल मांस,, हैमबर्गर, बारबेक्यू, प्रोसेस्ड मीट, हॉट डॉग, अधिक चीनी और रिफाइंड अनाज वाले अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन अल्जाइमर रोग के खतरे को बढ़ाता है. वहीं दूसरी ओर, हरी पत्तेदार सब्जियां, रंगीन फल और सब्जियां, फलियां (जैसे बीन्स), मेवा, ओमेगा -3 फैटी एसिड और साबुत अनाज अल्जाइमर रोग से बचाने में मदद कर सकते हैं.
आहार में बदलावअध्ययन के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन मोटापे और डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है, जो अल्जाइमर रोग के लिए रिस्क फैक्टर हैं. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में अक्सर उन अवयवों की कमी होती है, जो पूरे पौधों के फूड में पाए जाते हैं, जो मनोभ्रंश को दूर रखते हैं. अध्ययन से पता चलता है कि अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने के लिए आहार में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं. ये परिवर्तन पौधे आधारित आहार को अपनाने, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से बचना और फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और अन्य पौधों की चीजों का सेवन बढ़ाने में शामिल हो सकते हैं.



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