What is Vitamin P: बच्चे से लेकर बुजुर्ग, किसी से पूछें कि आपका फेवरेट या पसंदीदा खाना क्या है तो तपाक से जवाब मिल जाएगा. किसी को वेज तो किसी को नॉन वेज पसंद होगा. अपनी पसंद बताने में कोई हिचक नहीं क्योंकि इससे मिलने वाली खुशी सीमा से परे होती है. असल में हममें से ज्यादातर लोगों के लिए खाना जीवन के सबसे बड़े सुखों में से एक होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके मूड को परफेक्ट बनाने वाला फूड विटामिन पी से भरपूर होता है!
क्या है विटामिन पी?
अब ये विटामिन पी होता क्या है? कुछ ऐसा जो आपके प्लेट से होते हुए पेट तक पहुंच आत्मा को तृप्त करता है. यहां ‘पी’ का अर्थ ‘प्लेजर’ से है. आप खुश तो आपका पेट खुश और वो खुश तो सेहत खुश. सालों से, रिसर्चर्स ने खुशी के लिए खाने के पीछे की साइंस पर रिसर्च किया है. उनके कन्क्लूजन दिलचस्प और काफी हद तक एनकरेजिंग हैं.
रिसर्च में सामने आई बात
खाना हमारी जीभ और ब्रेन दोनों को संतुष्ट करता है. 2011 का एक रिसर्च है -डोपामाइन के हेल्थ पर पड़ने वाले असर को लेकर. डोपामाइन को ‘फील गुड हार्मोन’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह ब्रेन के उन तारों को छेड़ता है जो खुशी, शांति, प्रेरणा और ध्यान को बढ़ावा देने में मदद करता है. इस शोध से पता चला कि मोटापे से जूझ रहे लोगों का डोपामाइन सही तरह से काम नहीं करता और इसलिए वो ओवर इटिंग करते हैं वो अति के चक्कर में मोटापे का शिकार हो जाते हैं. लेकिन यही अगर ठीक से काम करे तो सेहत पर पॉजिटिव असर पड़ता है. जब हम खाने को इंजॉय करने खाते हैं, तो डोपामाइन एक्टिव हो जाता है. इससे वो खुशी महसूस होती है, जो खाने को आसानी से पचाने में मदद करता है.
खाने को खुशी से खाना है जरूरी
2020 में (एनएलएम में छपी है) खाने को इंजॉय और हेल्दी डाइट के बीच संबंध को लेकर 119 स्टडी पर रिव्यू किया गया. इसके सत्तावन प्रतिशत स्टडी में खाने को इंजॉय और हेल्दी डाइट के बीच संबंध वाले रिजल्ट के बीच अच्छा संबंध पाया गया. उदाहरण के लिए, 2015 के एक स्टडी में खाने के प्रति अधिक खुशी को उच्च पोषण स्थिति के साथ जोड़ा गया है. कुछ स्टडी पौष्टिक, संतुलित आहार को बढ़ावा देने के लिए हेल्दी डाइट का आनंद लेने के महत्व पर जोर देते हैं.
संतोषम परम सुखम
संस्कृत का बेजोड़ सूक्त है- संतोषम परम सुखम. खाने के मामले में कहें तो जब हम वह खाते हैं, जिसमें हमें खुशी मिलता है तो संतुष्टि का लेवल बढ़ जाता है. डाइट की क्वालिटी में सुधार होता है और ज्यादा खाने की संभावना से हम बच जाते हैं.
–आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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