What is Tonsil Stones: टॉन्सिल हमारे गले के दोनों तरफ मौजूद छोटे-छोटे टिशू के गुच्छे होते हैं, जो हमारी इम्यून सिस्टम का हिस्सा हैं और शरीर को इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं. कई बार टॉन्सिल की सतह पर छोटे-छोटे सफेद या पीले रंग के कठोर दाने जैसे जमाव बन जाते हैं, जिन्हें टॉन्सिल स्टोन या टॉन्सिलिथ (Tonsilloliths) कहा जाता है. ये कोई गंभीर बीमारी नहीं होती, लेकिन कई बार इसके लक्षण परेशान करने वाले और बदबूदार सांस (Bad breath) जैसी समस्या का कारण बन जाते हैं.
टॉन्सिल स्टोन क्या होते हैं?टॉन्सिल की सतह पर कई छोटे-छोटे गड्ढे (Crypts) होते हैं. जब इन गड्ढों में खाना, डेड सेल्स, म्यूकस और बैक्टीरिया फंस जाते हैं, तो वक्त के साथ ये चीजें सख्त होकर छोटे पत्थर जैसे स्ट्रक्चर बना लेते हैं. यही टॉन्सिल स्टोन हैं.
इनका साइज आमतौर पर 1-2 मिलीमीटर होता है, लेकिन कभी-कभी ये बड़े आकार के भी हो सकते हैं. छोटे टॉन्सिल स्टोन अक्सर बिना किसी लक्षण के रहते हैं और खुद ही निकल जाते हैं, लेकिन बड़े स्टोन परेशानी पैदा कर सकते हैं.
टॉन्सिल स्टोन बनने की वजह
टॉन्सिल स्टोन बनने के पीछे कई छोटे या बड़े कारण हो सकते हैं, जैसे-
1. टॉन्सिल का स्ट्रक्चर: जिन लोगों के टॉन्सिल की सतह गहरी और छेद की तरह होती है, उनमें कण फंसने की आशंका ज्यादा होती है.
2. मुंह की सही से सफाई न करना: नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस न करने से बैक्टीरिया और खाने के कण जमा हो जाते हैं.
3. बार-बार टॉन्सिल इंफेक्शन: बार-बार टॉन्सिलाइटिस होने से टॉन्सिल के गड्ढे और गहरे हो जाते हैं, जिससे खाने के कण ज्यादा फंसते हैं.
4. हद से ज्यादा म्यूकस का प्रोडक्शन: गले या नाक से ज्यादा म्यूकस निकलने पर ये टॉन्सिल में जमा होकर स्टोन बना सकता है.
5. मुंह का सूखापन (Dry Mouth): लार की कमी बैक्टीरिया और डेब्रिस को साफ करने की क्षमता कम कर देती है, जिससे जमाव बनता है.
टॉन्सिल स्टोन के लक्षणछोटे टॉन्सिल स्टोन कई बार बिल्कुल लक्षण नहीं दिखाते, लेकिन बड़े या बार-बार बनने वाले स्टोन में ये लक्षण हो सकते हैं: जैसे
1. मुंह से बदबू आना (Halitosis): टॉन्सिल स्टोन में मौजूद बैक्टीरिया सल्फर कंपाउंड पैदा करते हैं, जिससे बदबू आती है.
2. गले में खराश या डिसकंफर्ट: गले में कुछ फंसा हुआ महसूस होना.
3. निगलने में परेशानी (Dysphagia): बड़े स्टोन निगलने में दिक्कत कर सकते हैं.
4. गले में दर्द: खासकर एक तरफ गले में हल्का दर्द.
5. कान में दर्द का एहसास: नसों के कनेक्शन की वजह से टॉन्सिल स्टोन का दर्द कान में महसूस हो सकता है.
6. सफेद या पीले दाने दिखना: टॉन्सिल की सतह पर छोटे-छोटे सफेद/पीले जमाव दिख सकते हैं.
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टॉन्सिल स्टोन का डायग्नोसिसटॉन्सिल स्टोन का पता लगाना आसान है, खासकर अगर ये सतह पर दिख रहे हों. डायग्नोसिस के लिए कुछ टेस्ट करा सकते हैं, जैसे-
1. शारीरिक जांच (Physical Examination): डॉक्टर टॉर्च और टंग डिप्रेसर से टॉन्सिल की जांच करते हैं.
2. एक्स-रे या सीटी स्कैन: अगर स्टोन गहरे छिपे हों और दिखाई न दें, तो इमेजिंग टेस्ट किए जा सकते हैं.
3. मेडिकल हिस्ट्री: मरीज के लक्षण, जैसे बदबू, गले में दर्द, बार-बार इंफेक्शन, जैसी चीजों के बारे में डॉक्टर पूछते हैं.
टॉन्सिल स्टोन का इलाजइसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि स्टोन छोटे हैं या बड़े, और कितनी परेशानी पैदा कर रहे हैं.
1. घरेलू उपाय गर्म नमक के पानी से गरारा: बैक्टीरिया कम करता है और छोटे स्टोन को ढीला कर सकता है.
पानी ज्यादा पीना: मुंह को हाइड्रेट रखकर बैक्टीरिया का जमाव कम करता है.
मुलायम ब्रश या कॉटन स्वैब: सतह पर मौजूद स्टोन को धीरे-धीरे निकाल सकते हैं.
2. मेडिकल ट्रीटमेंटमैनुअल रिमूवल: डॉक्टर छोटे टूल्स के जरिए स्टोन निकालते हैं.
लेजर टॉन्सिल क्रिप्टोलिसिस: लेजर से टॉन्सिल की सतह को स्मूद किया जाता है, जिससे गड्ढे कम हो जाते हैं.
कोब्लेशन क्रिप्टोलिसिस: रेडियोफ्रीक्वेंसी से टॉन्सिल की सतह को रीशेप किया जाता है, ताकि वहां की सतह नॉर्मल हो जाए.
3. सर्जरी अगर टॉन्सिल स्टोन बार-बार बन रहे हैं और गंभीर परेशानी दे रहे हैं, तो टॉन्सिल हटाने की सर्जरी की जाती है, जिसे टॉन्सिल्लेक्टोमी (Tonsillectomy) कहते हैं.
टॉन्सिल स्टोन से बचाव के तरीके
1. अच्छी ओरल हाइजीन: रोजाना ब्रश और फ्लॉस करना.
2. गर्म नमक पानी से गरारे: खाने के बाद बैक्टीरिया को कम करने के लिए.
3. पानी पर्याप्त मात्रा में पीना: लार का स्तर सही रखने के लिए.
4. रेगुलर डेंटल चेकअप: मुंह की साफ-सफाई और बैक्टीरिया कंट्रोल के लिए.
इस बात को समझेंटॉन्सिल स्टोन एक नॉर्मल लेकिन कभी-कभी परेशान करने वाली प्रॉब्लम है. ज्यादातर मामलों में ये सीरियस नहीं होते और घर पर ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन बार-बार होने या दर्द/सूजन बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूरी है. गुड ओरल हाइजीन और रेगुलर केयर के जरिए इस परेशानी से बचा जा सकता है.इस बात को याद रखें कि अगर आप अपनी सेहत की जिम्मेदारी सही तरीके से उठाएंगे तो कई परेशानियों को वक्त से पहले ही रोका जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.