देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी का प्रकोप नजर आने लगा है. खासतौर मैदानी इलाके वाले राज्यों में हीट वेव्स की स्थिति बनी हुई है. हिट वेव्स के कारण हीट स्ट्रोक का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
हालांकि हिट स्ट्रोक सुनने में तो सामान्य लगता है लेकिन इसकी वजह से देश के अलग-अलग राज्यों में कई मरीजों की जान चली जाती है. ऐसे में इससे कैसे बचा जा सकता है, चलिए एक्सपर्ट से समझतें हैं.
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हीट हीट एग्जॉशन को पहचानें
RML के सीनियर डॉक्टर हिमांशु बताते हैं की मैदानी इलाकों में हीट स्ट्रोक आना आम बात है लेकिन ज्यादातर मरीजों को हीट स्ट्रोक से पहले हीट एक्सहॉसन होता है जिसमें वह अपना ध्यान नहीं देते और फिर स्थिति गंभीर होने के बाद उन्हें हीट स्ट्रोक हो जाता है.
क्या है हीट एग्जॉशन
हीट एग्जॉशन एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब आपका शरीर जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाता है. इसके लक्षणों में भारी पसीना आना और तेज नाड़ी शामिल हो सकती है. हीट एग्जॉशन तीन गर्मी से संबंधित बीमारियों में से एक है, जिसमें हीट क्रैम्प सबसे हल्का और हीटस्ट्रोक सबसे गंभीर है.
TACO मेथेड से करें इलाज
एक्सपर्ट बताते हैं कि हीट स्ट्रोक में किसी मरीज को अस्पताल तो ले जाया जा सकता है लेकिन हर मरीज के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं होता ऐसे में अगर किसी को हीट स्ट्रोक आ जाता है तो उन्हें टेको मेथड के जरिए प्राइमरी ट्रिटमेंट दिया जा सकता है.
क्या है टेको मेथड
मरीज को एक टब में ठंडा पानी भर कर कपड़े उतारकर लेटा दें. इससे कुछ ही देर में शरीर का तापमान कम होने लगेगा. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाएं. ऐसे में जान जाने का खतरा कम होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)